संतों के दर्शन से आत्मा निर्मल होती हैः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

ग्राम शीरा पुरोहित होटल जैन दिवाकर विहार धाम 6 मई 2025
संतो के दर्शन मात्र से आत्मा निर्मल, विचार पवित्र और शरीर निरोध हो जाता है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने जैन दिवाकर विहार धाम लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। महाराज श्री ने कहा कि तीन लोक की संपत्ति दान देकर भी एक सच्चे संत का निर्माण नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि उनकी एक दृष्टि हमारे किस्मत बदलने के लिए जीवन में रामबाण औषधि से भी महत्व पूर्ण है, जो अनंत जन्मों के पुण्य से प्राप्त होती है।
मुनि कमलेश ने बताया कि जिसने माता-पिता और गुरु की सेवा करके उनके दिल को प्रसन्न करके जीत लिया वो चारों धाम की यात्रा से बढ़कर लाभ प्राप्त कर लिया।
राष्ट्रसंत ने कहा कि सुपात्र दान सर्वश्रेष्ठ और महान होता है अनंत गुना फलदाई होता है आहार दान, वस्त्र दान, औषधी दान, स्थान दान का सहयोग बहुत मुश्किल से मिलता है।
जैन संत ने कहा कि एक संत की सेवा करना अनंत आत्माओं की सेवा से बढ़कर है, हमारी सेवा से वह जितनी साधना करेंगे परमार्थ का काम करेंगे उसकी परोपकारी भावना से तीर्थंकर गोत्र तक का बंधन हो जाता है।
राष्ट्र संत के मार्मिक उपदेश से प्रभावित होकर नारायण जी राजपुरोहित ने पुरोहित होटल पर जैन दिवाकर विहार धाम प्रारंभ किया। जैन समाज के सभी संप्रदाय के संत के लिए आहार पानी और रात्रि विश्राम की साधु मर्यादा के अनुसार सब सुविधा प्रति समय उपलब्ध रहेगी।
नारायण पुरोहित जी ने जैन समाज के श्रावक संतो से विनंती कर कहा तमकुर से 40 किलोमीटर पहले मेरा स्थान है मेरा टेलीफोन नंबर 9028 5 5144 4 मुझे हमेशा सेवा का लाभ प्रदान करें।
इसी तरह शिरा गांव से 15 किलोमीटर पहले हरियूर की ओर ऐलीपुर पंजाबी ढाबा अवतार सिंह जी ने भी जिनके यहां पर होटल पर संतो के लिए आहार, पानी, रात्रि विश्राम की संपूर्ण व्यवस्था हमेशा उपलब्ध रहेगी। उन्होंने भी अनुरोध किया है मुझे ज्यादा से ज्यादा गुरुओं की सेवा का लाभ मिले ऐसी मेरी भावना है उनके होटल पर धूम्रपान करना भी वर्जित है।