Wednesday, May 21, 2025
Google search engine
Homeबेबाक बात₹ #logo की आड में फिर देश को बांटने की साजिश!

₹ #logo की आड में फिर देश को बांटने की साजिश!

₹ #logo की आड लेकर एक बार फिर से उत्तर दक्षिण के बीच खाई खोदने की साजिश शुरू हो गई
एक और हथियार है जिसे हाथ में लेकर भावी परिसीमन पर वार करने की तैयारी है।

हिन्दी थोपने की आग पहले पहले 60 के दशक में डीएमके नेता करुणानिधि ने अपना राजनैतिक अस्तित्व खड़ाकर दक्षिण से कांग्रेस को उखाड़ने के लिए लगाई थी।

काफी आंदोलनों के बाद डीएमके ने ही त्रिभाषा फार्मूले को स्वीकार किया था लेकिन स्वीकार्यता कागजी ही रही धरातल पर कभी नहीं उतरी अब फिर से हिन्दी थोपने का आलाप करुणानिधि के पुत्र स्टालिन ले रहे हैं।

राज्य में अगले वर्ष चुनाव हैं और कमजोर होती पार्टी को उभारने का यही एकमात्र रास्ता स्टालिन के पास बचा है।

छेड़खानी तो स्टालिन और उनके बेटे लगातार कर रहे हैं लेकिन अब रुपए को छेड़कर उन्होंने केंद्र से सीधी जंग छेड़ दी है उन्होंने भारत सरकार द्वारा देशभर में जारी रुपया लोगो ₹ को तमिलनाडु वित्त मंत्रालय से हटाकर उसका तमिल चिन्ह बजट में जारी कर दिया।

रुपया मानक को बदलना एक प्रकार से केंद्र के प्रति बगावत का संदेश है रुपए पर तो नहीं अलबत्ता अन्य कुछ तरहों से ममता भी ऐसे खेलो में माहिर रही हैं।

रुपए का ₹ logo भारत सरकार ने 2010 में जारी किया था तब केन्द्र में कांग्रेस यूपीए की सरकार थी ‌रुपया का प्रतीक ₹ चिन्ह जब लागू किया गया तब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और संभवतः पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे जाहिर है कि स्टालिन का विरोध उसी कांग्रेस के फैसले के खिलाफ है जो तमिलनाडु में डीएमके का मजबूत अलायंस है अगले चुनाव में भी होगी।

इस विषय पर कांग्रेस मोदी सरकार पर ठीकरा फोड़ने का स्वाद नहीं ले सकती रुपए का प्रतीक ₹ लोगो तमिलनाडु के ही #उदय_धर्मलिंगम ने बनाया था।

यह देखना भी कम दिलचस्प नहीं होगा कि 2010 की मनमोहन सरकार में शामिल रहे इंडी गठबंधन के अन्य दलों का क्या रुख रहता है ??

स्टालिन अब तमिलभाषा में रुपया बदल रहे हैं करेंसी तो भारत सरकार की ही रहेगी ₹ logo हटाने के बाद स्टालिन ने गैर बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक भी बुलाई है बहरहाल ₹ लोगों जिस कांग्रेस सरकार ने लिया था उसका रुख अभी तक सामने नहीं आया है।

चूंकि ₹ लोगों एनडीए की मोदी सरकार ने जारी नहीं किया अतः ₹ को लेकर अनेक चेहरों से नकाबें उतरेंगी जरूर जवाब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी देना पड़ेगा जो खुद भी दक्षिण भारत से आते हैं।

राहुल वायनाड से सांसद रहे हैं अब प्रियंका वहीं से संसद में पहुंची हैं भारतीय मुद्रा चिन्ह पर सवाल उठाना भले ही कमजोर पड़ते स्टालिन की मजबूरी हो लेकिन ₹ logo लाने वाली कांग्रेस कब मौन तोड़ेगी सभी की दिलचस्पी यह जानने में अवश्य रहेगी।

-साभार सोशल मीडिया

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments