उन्माद से ग्रस्त व्यक्ति बन जाता है शैतान : राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
बंगारूपालियम कृष्ण मंदिर 23 मई 2025
उन्माद मे व्यक्ति विवेक शून्य होकर बड़े से बड़ा अनर्थ करने में गर्व महसूस करता है यह सबसे बड़ा पाप है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि धर्मात्मा में जब उन्माद का भूत सवार होता है वह शैतान और राक्षस के बराबर हो जाता है।
उन्होंने कहा कि धार्मिक उन्माद अत्यंत खतरनाक है आतंकवाद का निर्माता है उसमें में अंधा बना हुआ अपने और पराए का, उसको किसी प्रकार का ध्यान नहीं राहत है। अंधेरा और प्रकाश एक साथ नही रह सकता वैसे ही उन्माद और धार्मिकता जीवन में एक साथ नहीं रह सकते।
मुनि कमलेश ने बताया कि शराब आदि नशे का उन्माद तो थोड़े समय बाद उतर जाता है, लेकिन धर्म ,जाति, भाषा, धन, पद और प्रतिष्ठा के उन्माद का नशा खतरनाक है शत्रु, जो जन्म जन्मांतर को बर्बाद कर देता है।
राष्ट्र संत ने कहा कि उन्माद अपने आप में हिंसा की जननी है आत्मा के साथ कर्मों का बंधन विचारों को शातिर और शरीर को असाध्याय रोगों का शिकार बनाता है।
जैन संत ने कहा कि वर्षों के प्यार और प्रेम के संबंध को उन्माद एक पल में नष्ट करके नफरत बदल देता है। घनश्याम मुनि जी ,कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया ।अक्षत मुनि जी, सक्षम मुनि जी ने विचार व्यक्त किए।
स्वामी केशवानंद नंद ने राष्ट्र संत के आंध्र प्रदेश आगमन पर अभिनंदन किया और कहा कि अहंकार से ही उन्माद पैदा होता है। सुभाष तातेड़, ललित बुरड़, विशाल फूल फगर सुब्रह्मयम स्वामी, रमेश सीरवी, सुनील जाट सभी गुरु भक्तों ने नागरिक अभिनंदन करते हुए बिहार सेवा का लाभ लिया।