अभी ब्रह्मोस की तबाही से नहीं उबर पाया PAK,भारत ने शुरू कर दी उससे भी खतरनाक मिसाइल की टेस्टिंग; रडार भी नहीं पकड़ पाएगा
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक के बीच हुए संघर्ष में भारत की ब्रह्मोस मिसाइल ने अपना दमखम दिखाया था. वहीं अब भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( DRDO) का स्टार मिसाइल प्रोजेक्ट तीसरे चरण में पहुंच चुका है. इस फेज में मिसाइल को पूरी तरह तैयार करके फ्लाइट टेस्ट किए जा रहे हैं. ये स्टार मिसाइल एयरफोर्स, सेना और नेवी के लिए टारगेट प्रैक्टिस कर सकती है. स्टार मिसाइल सस्ती होने के साथ ही ब्रह्मोस का विकल्प भी बन सकती है. बता दें कि DRDO इंजीनियर की ओर से तीसरे चरण में मिसाइल के सभी हिस्सों जैसे नेविगेशन सिस्टम, कंट्रोल सिस्टम और इंजन को जोड़कर पूरी मिसाइल बनाई जाती है. फिर इसे युद्ध जैसे स्थिति में कई बार उड़ाया जाता है. इस टेस्टिंग से पता चलता है कि मिसाइल कितनी सटीक, प्रभावी और भरोसेमंद है. टेस्टिंग के बाद मिसाइल से जुड़ी सारी जानकारी को इकट्ठा किया जाता है और फिर इसे सेना की जरूरतें पूरी करने के लिए और बेहतर किया जाता है.
स्टार मिसाइल में यह भी जांच की जा रही है कि यह मिसाइल हवाई और जमीनी उपकरणों के साथ बिल्कुल ठीक से काम करती है या नहीं. अगर सारे टेस्ट सफल होते हैं, तो DRDO मिसाइल का लिमिटेड प्रोडक्शन शुरू कर सकता है, जिसे आर्मी ट्रेनिंग और आगे की टेस्टिंग के लिए उपयोग करेगी. बता दें कि स्टार मिसाइल को जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. बता दें कि स्टार मिसाइल आधुनिक मिसाइलों की तरह तेज स्पीड से उड़ने और उनके व्यवहार की नकल करने की क्षमता रखता है. यह मिसाइल तकरीबन 3,062 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकती है. यह डायरेक्शन भी तेजी से बदल सकती है. इसका डिजाइन अलग-अलग मिशन और जरूरतों के मुताबिक आसानी से बदला जा सकता है. ये मिसाइल हवा से हवा में या हवा से जमीन पर हमला करने में मदद कर सकती है. इसके अलावा यह मिसाइल दुश्मन के रडार को तबाह करने की प्रैक्टिस में भी मददगार साबित हो सकती है.