ब्रह्मोस और आकाश: भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी की ताकत
ब्रह्मोस मिसाइल: यह एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित किया गया है। यह मिसाइल समुद्र, थल और वायु प्लेटफार्मों से लॉन्च की जा सकती है और इसकी रेंज 290 किलोमीटर तक है। फिलहाल, फिलीपींस को इस मिसाइल की आपूर्ति की जा रही है। 2022 में, भारत और फिलीपींस के बीच $375 मिलियन का समझौता हुआ था, जिसके तहत तीन बैटरियों की आपूर्ति की जा रही है। पहली खेप अप्रैल 2024 में भेजी गई थी।
आकाश मिसाइल: यह एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है। इसकी रेंज लगभग 25 किलोमीटर है और यह छोटे और मध्यम ऊंचाई वाले विमानों को नष्ट करने में सक्षम है। फिलीपींस ने इस मिसाइल की खरीद के लिए भारत के साथ $200 मिलियन के समझौते की योजना बनाई है, जो अप्रैल 2025 में लागू हो सकता है।
15 देशों से ऑर्डर: भारत की रक्षा निर्यात में वृद्धि
भारत के रक्षा निर्यात में पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2020 से 2024 के बीच, भारत के रक्षा निर्यात में लगभग 150% की वृद्धि हुई है, जो $2.40 बिलियन से अधिक हो गया है। इस वृद्धि का मुख्य कारण ब्रह्मोस और आकाश जैसे मिसाइल सिस्टम की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग है।
भारत ने फिलीपींस के अलावा, अन्य देशों के साथ भी रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उदाहरण के लिए, आर्मेनिया ने 2022 में $720 मिलियन का समझौता किया था, जिसमें 15 आकाश-1S एयर डिफेंस सिस्टम शामिल थे।
उत्पादन क्षमता: भारत की मिसाइल निर्माण क्षमता
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण क्षमता सालाना 1000 से 1200 मिसाइलों की है। यह उत्पादन क्षमता भारत के रक्षा उद्योग की मजबूती और आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश में एक रक्षा गलियारा स्थापित किया गया है, जहां अगले तीन वर्षों में ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन शुरू होने की योजना है।