जीवन के अंधकार दूर करता हैं ज्ञानः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
मूलबागल जैन स्थानक भवन 19 मई 2025
अज्ञान अपने आप में सबसे बड़ा हमारा कट्टर शत्रु है, सभी पाप और अपराध की जननी है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश धर्मसभा को संबोधित करते व्यक्त किये। राष्ट्रसंत ने कहा कि अज्ञान दशा में की गई साधना, दान, पुण्य, कार्य भी कर्म बंधन का कारण ही बनता है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान का एक शब्द अनंत जन्मों के अज्ञान अंधकार को पल भर में समाप्त कर देता है यह कार्य तीन लोक की संपत्ति दान करके भी प्राप्त नहीं किया जा सकता।
मुनि कमलेश ने बताया कि सम्यक ज्ञान सर्वोपरिय ज्ञान है, वह आत्मा की शुद्धि और उत्थान में काम आता है। ज्ञान आत्मा का निज गुण है उसे जागृत करने का पुरुषार्थ करना है।
राष्ट्र संत ने कहा कि ज्ञान धन को कोई चुरा नहीं सकता, बांट नहीं सकता, अग्नि जला नहीं सकती, संकट में यही काम आता है। अगले जन्म में भी ज्ञान आत्मा के साथ जाता है जो पुनर्जन्म के रूप में जागृत होता है।
जैन संत ने कहा कि सद्गुरु के माध्यम से अनुभव युक्त जो ज्ञान प्राप्त होता है। वह जीवन को नई दिशा और दशा प्रदान करता है। घनश्याम मुनि जी अक्षत मुनि जी ने मंगलाचरण किया। कौशल मुनि, सक्षम मुनि जी ने विचार व्यक्त किये।
मूलबागल पधारने पर सकल जैन समाज की तरफ से अभिनंदन किया। स्थानकवासी की ओर से अध्यक्ष फूलचंद बांठीया, मंत्री जितेश राका, मूर्ति पूजक प्रमुख प्रकाश लोढ़ा, तेरापंथ समाज के प्रमुख केवल चंद्र धारीवाल, सुभाष चंद्र भंसाली, चंद्र प्रकाश राका विचार व्यक्त किये। मंगल प्रवेश पर भारी संख्या में जनता उमड़ पड़ी 20 में को प्रातः 9:00 बजे राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रवचन होंगे।