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पशु हैं तो हम हैं, गाय कोई जानवर नहीं है ये भारत की आत्मा हैः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

कीटनाशक दवाई और यूरिया खाद धरती बंजर हो रही है इंसान लोगों का शिकार हो रहा है ऑर्गेनाइज्ड खेती ही बीमारी से बचा सकती है।

पशु हैं तो हम हैं, गाय कोई जानवर नहीं है ये भारत की आत्मा हैः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

रजाकुलम 2 जून 2025।

गाय को एकमात्र जानवर मान लेना ये हमारी सबसे बडी भूल है गाय भारत की आत्मा है, मंदिर में मार्बल की गौ माता और नंदी की तो आरती उतारते हैं और जीवित गौमाता  को गंदगी, कचरा खाने को मजबूर करके अकाल मौत की शिकार बनाते हैं ये इस देश का दुर्भाग्य है उक्त विचार राष्ट्र  संत कमल मुनि जी कमलेश ने दक्षिण पावापुरी गौशाला में संबोधित करते हुए व्यक्त किये। महाराज श्री ने  कहा कि ऐसे ढोंगी, पाखंडी के द्वारा की गई उपासना मुर्दे को श्रृंगार करने के समान है।
उन्होंने कहा कि इंसान के बिना पशु जिंदे रह सकते हैं परंतु पशु के बिना इंसान एक पल भी जिंदा नहीं रह सकता, पशुओं का कत्ल इंसान के कत्ल से बढ़कर है।
मुनि कमलेश ने बताया कि देश की आजादी के समय 1000 व्यक्ति के पीछे 425 पशु थे लेकिन आज 121 भी नहीं है। घटता का पशुधन बढ़ती आबादी, अतिवृष्टि, अनावृष्टि ,भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप को खुला निमंत्रण देने के समान है।
राष्ट्र संत ने कहा  सुप्रीम कोर्ट भी मानता है कि आधा दूध नकली आ रहा है, उससे किडनी, कैंसर, लिवर जैसे रोगों का शिकार बन रहे हैं। पंजाब में तो कैंसर ट्रेन को  नाम दिया गया जन जागृति के लिए ।
जैन संत ने कहा कि यूरिया खाद, निरमा पाउडर, कास्टिक सोडा का नकली दूध और चर्बी का घी  का उपयोग से धर्म स्थल की पवित्रता भ्रष्ट हो जाएगी ।तिरुपति बालाजी जैसे सभी धार्मिक स्थल अपवित्र हो जाएंगे ।पर्यावरण, स्वास्थ्य, आर्थिकता, के लिए पशुधन ऑक्सीजन से महत्वपूर्ण है।
महासती दिव्य साधना जी ने कहा कि कीटनाशक दवाई और यूरिया खाद धरती बंजर हो रही है इंसान लोगों का शिकार हो रहा है ऑर्गेनाइज्ड खेती ही बीमारी से बचा सकती है।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली के वरिष्ठ कार्यकर्ता मोहनलाल जी गढ़वानी निर्मल गढ़वानि केसाराम जी सीरवी ने गौ शाला में गौ माता की सेवा का लाभ लिया।

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