Wednesday, June 4, 2025
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आध्यात्मिक संस्कृति का प्राण है योगः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

आध्यात्मिक संस्कृति का प्राण है योगः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

 

कांचीपुरम कांचीकामकोटी शंकराचार्य मठ 31 मई 2025

सभी आध्यात्मिक ग्रंथ को विज्ञान के माध्यम से जनता में प्रस्तुत किया जाए तो सर्वमान्य हो जाएंगे उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने धर्मसभा को संबोधित करते कहा कि सभी धर्म के ग्रंथ पंथ, परंपरा, क्रिया कर्मकांड में  जमीन आसमान का अंतर होने से भिन्न-भिन्न होने से सामान्य जनता भ्रमित हो जाती है युवा पीढ़ी सत्य मार्ग से भटक जाती है।
उन्होंने कहा कि सभी धर्म की समान शिक्षा, दान, सेवा, परोपकार, क्षमा, करुणा, मैत्री जैसी शिक्षाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि आने वाली पीढ़ी सही मार्ग समझ सके, सर्व धर्म सद्भाव के भावों का संचार हो जाएl
मुनि कमलेश ने बताया कि सभी धर्मस्थल, उपासना के साथ-साथ आध्यात्मिक शिक्षा के प्रचार प्रसार का केंद्र बने। महापुरुषों के सिद्धांत दुखों से मुक्ति और समृद्धि के लिए रामबाण औषधि के समान संपूर्ण मानवता के लिए है।
राष्ट्र संत ने कहा कि आध्यात्मिक की शिक्षा का लोहा पूरा विश्व और विज्ञान मान रहा है इसी के सहारे विश्व गुरु बनने का सौभाग्य हिंदुस्तान को मिला।
जैन संत ने कहा कि भारतीय संस्कृति ही आत्मविश्वास, विकास, शरीर, निरोग, पर्यावरण रक्षा, विश्व बंधुत्व की भावना विश्व में शांति स्थापित कर सकती है ,इसके बिना विश्व की संपूर्ण संपत्ति भी सच्ची शांति सुकून और समृद्धि प्राप्त नहीं कर सकती l
अंत में कहा कि भौतिकवाद की आंधी में त्यागी, तपस्वी, संतों का निर्माण होना किसी आठवें अजूबे से कम नहीं हैl योग, नियम, ध्यान, प्राणायाम, आध्यात्मिक संस्कृति का प्राण है। सद्भाव, करुणा और प्रेम इसका प्रवेश द्वार माना गया l पश्चिम देश आज भी भारत भूमि को देव धरती के रूप में स्वीकार करते हैं l और यहां जन्मे महापुरुषों के सिद्धांतों को भगवान के रूप में स्वीकार करते हुए उनका दिनों दिन लगाव और आकर्षक बढ़ता जा रहा हैl यह हमारे लिए गौरव की बात है।
शंकराचार्य मठ में पधारने पर जगद्गुरु शंकराचार्य पीठााधिपति शंकर विजेंद्र सरस्वती की ओर से राष्ट्र संत कमल मुनि जी, घनश्याम मुनि जी, कौशल मुनि जी, अक्षत मुनि जी, सक्षम मुनि जी का साहित्य भेंट करके अभिनंदन किया गया। गाय माता को केंद्र सरकार राष्ट्र माता घोषित करें यह प्रस्ताव पास कियाl गया। जमनालाल संचेती, प्रश्न संचेती, राजेश सिसोदिया, राजेश समदड़िया सहित कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने समारोह में भाग लियाl

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