विधवा महिलाओं को भी सम्मान से जीने का हकः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
जैन स्थानक भवन 30 मई 2025
सती प्रथा में नारी को पति के साथ जला दिया जाता था, उससे भी अनंत गुना ज्यादा खतरनाक है विधवा प्रथा। जिंदगी भर तिरस्कार और उसकी उपेक्षा के हथियार का शिकार करके आत्मा को छलनी छलनी कर देते हैं , घुट -घुट कर जीने को मजबूर कर देते हैं उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश वीरांगना सन्मान समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त कियें। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म ग्रंथ के अंदर विधवा शब्द का उल्लेख नहीं है उसे नारकीय जीवन जीने को मजबूर करते यह कहां का न्याय है l
उन्होंने कहा कि नारी को दूसरे नंबर का दर्जा देना ,हीन भावना से देखना, अपसुकन मानना यह मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी का अपमान करने के समान है, शील व्रत पालने वाली देवी से भी महान होती है।
मुनि कमलेश ने बताया कि पति के वियोग के जख्मों के ऊपर तिरस्कार, अपमान और यातना का नमक छिड़कना महा पाप है उनको मंगल काम में वंचित रखना कौन से ग्रंथ में लिखा है l
राष्ट्र संत ने कहा कि संघर्ष करके बच्चों का पालन करती है,परिवार को संभालती है, शील व्रत का पालन करती है ये किसी सौभाग्यवती से कम नहीं हैl उसका अपशुकन मानना नारी के साथ अन्याय और मानवता पर कलंक है,उससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकताl
जैन संत ने कहा की पति के मरने पर पत्नी के साथ जो दुर्व्यवहार किया जाता है l क्या पत्नी के मरने पर पति के साथ किया जाता हैक्या। ऐसा क्यों सबके साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए तभी धार्मिकता में प्रवेश होगा। आयुष्कर्म किसी के हाथ में नहीं है कोई दो दिन पहले कोई दो दिन बाद में जाता ही हैl राष्ट्रपति द्वोपदी मुर्मू , सोनिया गांधी वीरांगना सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया इसके लीए चेन्नई में भव्य कार्यक्रम चातुर्मास में आयोजित किया जाएगाl
जैन संत ने कहा कि अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा ने पूरे देश में विधवा को वीरांगना और मंगल काम में आगे रखना क्रांति का अभियान चालू किया, जो सभी धर्म और समाज में लोकप्रिय हो रहा है l
वर्धमान स्थानकवाशी जैनश्रावक संघ कांचीपुरम इतिहास में प्रथम बार विधवा को वीरांगना से समाज की जाजम पर सम्मानित करते हुए मंगल काम में आगे रखने का संकल्प लियाl वीरांगनाओं को मंच पर सम्मानित किया। मुनि कमलेश की इस क्रांति का पूरे देश में सभी धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग अभिनंदन कर रहे हैं lनासिक महाराष्ट्र में 5000 वीरांगनाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया थाl
एस एस जैन संघ सैदापेट के 50 जैन समाज का प्रतिनिधिमंडल मुनि कमलेश की सेवा में उपस्थित हुआl शेष कल की विनती की स्वीकृति प्रदान की। संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता अशोक लुणावत, राजेंद्र लुंकड़, ज्ञानचंद गांग, कमल छाजेड़ सभी ने वीरांगना मिशन को तमिलनाडु घर-घर पहुंचने का संकल्प लियाl 31 मई को कांचीपुरम प्रवचन की पश्चात 1 जून को दक्षिण पवापुरी पधारने की संभावना है, जहां पर महासती दिव्य साधना जी से आध्यात्मिक मिलन होगा।