ऑपरेशन सिंदूर के सबसे छोटे योद्धा की प्रेरक कहानी… 10 साल के श्रवण सिंह को सेना ने किया सम्मानित…
नई दिल्ली। जिस वक्त बॉर्डर पर भारतीय सेना पाकिस्तान के खिलाफ डटकर खड़ी थी तब पंजाब के फिरोजपुर जिले के सीमावर्ती गांव तारा वाली में एक 10 साल का बच्चा भारतीय सेना के जवानों के लिए अहम भूमिका निभा रहा था. नन्हे श्रवण सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के जवानों के लिए अपनी कम उम्र में भी बड़ा योगदान दिया. इस बच्चे ने गर्मी और तनावपूर्ण माहौल में जवानों को ठंडा पानी, दूध, लस्सी, चाय और बर्फ पहुंचाकर उनकी सेवा की. उनकी इस निस्वार्थ देशभक्ति को देखकर भारतीय सेना ने उन्हें “सबसे छोटा नागरिक योद्धा” घोषित किया और मेजर जनरल रणजीत सिंह मनराल, जीओसी 7 इन्फेंट्री डिवीजन, ने एक विशेष समारोह में सम्मानित किया।
श्रवण एक स्थानीय किसान सोना सिंह के बेटे हैं. उसने बताया कि उसे जवानों के पास जाने में डर नहीं महसूस नहीं होता था. मुझे उनके लिए पानी, लस्सी और बर्फ ले जाना अच्छा लगता था. वे मुझे बहुत प्यार करते थे. मैं बड़ा होकर फौजी बनना चाहता हूं और देश की सेवा करना चाहता हूं. समारोह में उन्हें एक स्मृति चिन्ह, विशेष भोजन और उनकी पसंदीदा आइसक्रीम दी गई, जिससे वह बेहद खुश हुए।
श्रवण के पिता सोना सिंह ने गर्व के साथ बताया कि जब सेना उनके खेतों पर डेरा डाले थी, तब से श्रवण पहले दिन से ही जवानों की मदद के लिए दौड़ पड़ता था. “वह रोज उनके लिए कुछ न कुछ ले जाता था. हमें उसका यह जज्बा देखकर खुशी होती थी. उसका फौज के प्रति लगाव और देशभक्ति हमें गर्वान्वित करती है,”।
ऑपरेशन सिंदूर, जो अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले के जवाब में शुरू हुआ, भारत-पाक सीमा पर तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण सैन्य अभियान था. इस दौरान श्रवण जैसे छोटे नायकों की कहानियां देशभक्ति की मिसाल बन गईं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और कहानी वायरल हो रही हैं, जो हर भारतीय को प्रेरित कर रही हैं. श्रवण की कहानी यह दिखाती है कि देशप्रेम की कोई उम्र नहीं होती।