Saturday, May 31, 2025
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1 रुपये के GST पर केस, उपभोक्ता को मिला इंसाफ और रेस्टोरेंट पर 8,000 रुपये जुर्माना

भोपाल: 1 रुपये के GST पर केस, उपभोक्ता को मिला इंसाफ और रेस्टोरेंट पर 8,000 रुपये जुर्माना

भोपाल से एक दिलचस्प और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा का प्रतीक बन चुकी घटना सामने आई है, जहां सिर्फ 1 रुपये के अतिरिक्त GST को लेकर एक ग्राहक ने कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः उपभोक्ता फोरम से जीत हासिल की। इस मामले में होटल द्वारा की गई छोटी-सी मुनाफाखोरी पर सख्ती से फैसला सुनाते हुए, फोरम ने रेस्टोरेंट मालिक को 1 रुपये लौटाने के साथ-साथ 8,000 रुपये का जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला?
यह मामला भोपाल के एक प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट से जुड़ा है, जहां ग्राहक ऐश्वर्य निगम खाना खाने गए थे। भोजन के दौरान उन्होंने रेस्टोरेंट से पानी की बोतल खरीदी। बोतल पर जो अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) अंकित था, उससे अधिक कीमत वसूली गई। इसके अलावा, रेस्टोरेंट ने बोतल की कीमत पर 1 रुपये का अतिरिक्त GST भी जोड़ दिया।

जब ऐश्वर्य निगम ने इस पर आपत्ति जताई और तर्क दिया कि MRP में पहले से ही सभी कर शामिल होते हैं, तो रेस्टोरेंट स्टाफ ने बहस करने की बजाय वही शुल्क वसूल किया। इस व्यवहार से नाराज होकर ऐश्वर्य निगम ने मामला सीधे उपभोक्ता फोरम में पहुंचा दिया।

उपभोक्ता फोरम का फैसला
भोपाल के उपभोक्ता फोरम में सुनवाई के दौरान ऐश्वर्य निगम ने स्पष्ट रूप से बताया कि MRP से अधिक शुल्क लेना न सिर्फ अनैतिक बल्कि गैरकानूनी भी है। उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए रसीद और बोतल की तस्वीरें भी प्रस्तुत कीं।

फोरम ने साक्ष्यों और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर निर्णय सुनाया कि होटल मालिक द्वारा:

MRP से अधिक मूल्य लेना

उस पर अतिरिक्त GST जोड़ना

और ग्राहक की आपत्ति को नजरअंदाज करना

उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है।

इसलिए फोरम ने रेस्टोरेंट को आदेश दिया कि वह:

ग्राहक को 1 रुपये लौटाए

मानसिक पीड़ा और समय की हानि के लिए 8,000 रुपये का मुआवजा दे

क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
यह मामला दिखाता है कि उपभोक्ता को केवल बड़े नुकसान ही नहीं, बल्कि छोटे आर्थिक शोषण पर भी आवाज़ उठानी चाहिए। बहुत से लोग सोचते हैं कि “सिर्फ 1 रुपये के लिए क्या झंझट मोल लेना”, लेकिन ऐश्वर्य निगम ने यह साबित कर दिया कि अधिकारों की रक्षा छोटे से कदम से भी शुरू हो सकती है।

यह फैसला उन सभी उपभोक्ताओं के लिए एक प्रेरणा है जो दुकानदारों या व्यापारियों की अनुचित मांगों के आगे झुक जाते हैं। साथ ही, यह व्यापारियों को भी चेतावनी देता है कि कानून में छोटी-छोटी गड़बड़ियों के लिए भी बड़ी सजा हो सकती है।

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