साध्वी सुधाकंवरजी म.सा. का त्रयनगर प्रवेश
हैदराबाद, महासाध्वी सुधाकंवरजी म.सा., विजयप्रभाजी म.सा., साधनाश्रीजी म.सा., रत्नज्योतिजी म.सा., डॉ. सुयशाजी म.सा. आदि ठाणा-5 का आज शोभायात्रा के साथ शमशेरगंज स्थित शिव मंदिर गौशाला में त्रयनगर मंगल प्रवेश हुआ।
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सर्वप्रथम साध्वीवृंद के मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। खुशी श्रीश्रीमाल ने गुरुमैया के लिए स्वागत गीत प्रस्तुत किया। श्रमणोपासक बहू मंडल की संतोष कोचेटा एवं प्रिया कोठारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।श्रमणोपासक महिला मंडल की सुशीलाबाई सुराणा, सीमा सिंघी, नीलम सेठी और प्रेमाबाई छाजेड़ ने गीतिका की प्रस्तुति दी।
विजयप्रभाजी म.सा. ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन में सत्संग आवश्यक है। समय-समय पर गुरु भगवंतों का सत्संग करने से आचार-विचार में परिवर्तन आता है। सत्संग से कंकर से शंकर बन सकते हैं। सुयशाजी म.सा. ने गीतिका के पश्चात कहा कि विश्व में भारत जैसी संस्कृति और धर्म के प्रति आस्था कहीं भी नहीं है।
धर्म, प्रगति और त्रयनगर चातुर्मास का संदेश
हम धर्म नगरी हैदराबाद में चातुर्मास हेतु दूसरी बार आए हैं। श्रमणोपासक संघ, रामकोट के श्रावक-श्राविकाओं की धर्म के प्रति आस्था ने हमें आकर्षित किया है। जीवन में गति नहीं, प्रगति की आवश्यकता है। म.सा. ने कहा कि हमें चिंतन करना होगा कि जीवन का केंद्र बिंदु क्या है धन या धर्म। जीवन में आवश्यक क्या है। हमें धन के साथ जीना है या धन के लिए? धन के लिए जिएँगे, तो मानसिक रोगी बनेंगे। भोजन के लिए या भोजन के साथ? भोजन के लिए जिएँगे, तो शरीर के रोगी बनेंगे। जीवन में महत्वपूर्ण क्या है परिवार या संपत्ति। आप जीवन में कल्याण मित्र नहीं बना सकते, तो सत्संग करें।
अवसर पर महासाध्वी डॉ. प्रियदर्शनजी के 68 दिन संथारा पूर्ण होने पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। साधवीजी ने मृत्यु को महोत्सव बनाकर जिनशासन का गर्व बढ़ाया है। श्री महावीर मित्र मंडल, रामकोट के अध्यक्ष संजय सिंघी ने गीतिका प्रस्तुत की। सहमंत्री प्रकाश गादिया ने अध्ययनशील सुयशाजी म.सा. का जीवन परिचय दिया। सुधाकंवरजी म.सा. ने अपने संबोधन में कहा कि आज 3-3 महोत्सव का अवसर आया है।
त्रयनगर प्रवेश, अध्ययनशील सुयशाजी म.सा. का 12वाँ संयम दिवस और तीर्थंकर प्रभु शांतिनाथ भगवान का जन्म कल्याणक का दिन। म.सा. ने कहा कि हमने विजय नगर, बेंगलुरू का चातुर्मास पूर्ण कर गत 11 फरवरी को विहार प्रारंभ किया था। आज हैदराबाद में प्रवेश किया है। हमने 2019 मे प्रथम बार दक्षिण में रामकोट में चातुर्मास किया था। इसकी विधिवत घोषणा श्रमणसंघीय युवाचार्य महेंद्रऋषिजी द्वारा पूना में की गई थी। म.सा. ने त्रयनगर के सभी मंडलों से चातुर्मास में जप, तप, ध्यान में जुड़कर इसे सफल बनाने का आग्रह किया। विशेषकर महिला मंडल, बहू मंडल, महावीर मित्र मंडल से सहयोग का आग्रह किया।
नगर प्रवेश आयोजन में श्रद्धालुओं का आभार
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमणोपासक संघ, रामकोट के अध्यक्ष किशोर कुमार मुथा ने स्वागत भाषण में त्रयनगर से पधारे हुए संघों के पदाधिकारियों और श्रावक-श्राविकाओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने शमशेरगंज जैन श्रीसंघ को मंगल प्रवेश के आयोजन के लिए धन्यवाद प्रेषित किया। इसके अलावा महबूबनगर से हैदराबाद तक उत्तम व्यवस्था के लिए श्री महावीर मित्र मंडल, रामकोट को धन्यवाद दिया। इसके अलावा संघ के पदाधिकारियों, सदस्यों, श्रमणोपासक महिला मंडल, बहू मंडल, जिन्होने समय-समय पर साध्वीवृंद की सेवा में सहयोग किया, का आभार प्रकट किया।
अवसर पर श्री गुरु गणेश जैन भवन के मैनेजिंग ट्रस्टी पूनमचंद कोचेटा, सिकंदराबाद संघ के अध्यक्ष गौतम गुगलिया, कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष विनोद कीमती, हैदराबाद संघ, डबीरपुरा के ललित धारिवाल, श्री जैन सेवा संघ के महामंत्री अशोक कुमार मुथा, शाहअलीबंडा के सुरेश बोहरा, कोरा संघ के अध्यक्ष संजय कटारिया, मरुधर केसरी सेवा समिति के गौतम मुथा, मलकपेट के अशोक सिंघवी, चैतन्यपुरी श्रीसंघ के हर्ष कुमार मुणोत, काचीगुड़ा संघ के अध्यक्ष अन्नराज बाफना, शमशेरगंज जैन श्रीसंघ के अमित श्रीश्रीमाल ने आगामी चातुर्मास हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
अमित श्रीश्रीमाल ने नगर प्रवेश मनाने का अवसर देने के लिए साध्वीवृंद और श्रमणोपासक संघ के प्रति आभार व्यक्त किया। धर्मसभा का संचालन संदीप बंब और प्रकाश गादिया ने किया। मांगलिक पश्चात गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया।