Wednesday, May 28, 2025
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राजस्थान के राज्यपाल बोले-ग से “गणपति” पढ़ाया जाता था, “गधा” कर दिया

राजस्थान के राज्यपाल बोले-ग से “गणपति” पढ़ाया जाता था, “गधा” कर दिया

जयपुर।

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि जब हिंदी वर्णमाला सीखते थे तो ग से गणपति पढ़ाया जाता था, लेकिन इस पर भी कई लोगों ने आपत्ति की कि गणपति धार्मिक शब्द है। यह एक धर्म का है, यह नहीं चलेगा। ग गधा चलेगा, लेकिन गणपति नहीं चलेगा। ऐसे विचार करने वाले भी हमारे देश में लोग थे। पाठ्य पुस्तक बनाने वाले भी ऐसे ही लोग थे।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा- हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली को अंग्रेजों ने खत्म कर दिया। मैकॉले गवर्नर था, उसने एक सम्मेलन के दौरान कहा था कि भारत पर अगर कब्जा जमाकर रखना है तो उसकी शिक्षा प्रणाली को बदलना होगा। उन्होंने वैसा ही किया। हमारी प्राचीन शिक्षा पद्धति को बदलकर अंग्रेजी शिक्षा प्रणाली लागू कर दी।

राज्यपाल ने कहा कि आप  और हम सबने यही पढ़ा है कि गुरुत्वाकर्षण की थ्योरी न्यूटन ने दी थी। 1530 में न्यूटन ने तो शोध किया था। 1150 में भास्कराचार्य ने लीलावती ग्रंथ में गुरुत्वाकर्षण के बारे में लिख दिया था। राज्यपाल ने कहा- भास्कराचार्य की बेटी का नाम लीलावती था, वह विधवा थी। उनके पास ही रहती थी। लीलावती ने भास्कराचार्य से पूछा था कि बाबा आप बोलते हैं सूर्य स्थिर है। पृथ्वी उसके चारों तरफ घूमती है। चंद्रमा उसके चारों ओर घूमते हैं। यह गिरते क्यों नहीं है?

भास्कराचार्य ने उत्तर दिया था कि ये एक दूसरे को आकर्षित करके खींच कर रखते हैं। इसलिए गिरते नहीं है। एक दूसरे को आकर्षित करना और गुरुत्वाकर्षण दोनों एक ही है। भास्कराचार्य ने 1150 में लिखा और उसके बाद 1530 में न्यूटन ने थ्योरी दी। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे सोमवार को अपेक्स यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे।

कॉपी करके पास हो जाना या रटना शिक्षा नहीं
राज्यपाल ने कहा- शिक्षा का ध्येय बच्चों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना है। कॉपी करके पास हो जाना या रटना शिक्षा नहीं है। शिक्षा का अर्थ है, पढ़े हुए को समझकर अपनी बात रखना। नई शिक्षा नीति में सीखने में विद्यार्थी की स्वतंत्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। नई शिक्षा नीति भारतीयता से ओतप्रोत संस्कारमय समाज का निर्माण करने वाली है। विश्वविद्यालय शिक्षकों को आदर्श आचरण के साथ नवीनतम ज्ञान से अपडेट रहना चाहिए। विद्यार्थी विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान और शिक्षा का उपयोग विकसित भारत के लिए करें। ​

शिक्षा में व्यावसायिकता की जगह समाज के उत्थान की भावना हो
राज्यपाल बागडे ने कहा- शिक्षा पवित्र काम है, इसमें व्यावसायिकता की बजाय समाज उत्थान को सर्वोपरि रखा जाए। गरीब, पिछड़े और हर वर्ग के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर देने में निजी क्षेत्र को महती भूमिका निभानी चाहिए। शिक्षा जीवन को गढ़ती है। निजी क्षेत्र की शिक्षा के प्रसार में महती भूमिका है, देश की तरक्की में सहभागी बनते गुणात्मक शिक्षा का प्रसार करें।

ऑपरेशन सिंदूर से दुनिया में भारत की साख बढ़ी
राज्यपाल ने कहा- पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। हम सभी को मां भारती और हमारी सेना पर गर्व है। विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं और राष्ट्र के महापुरुषों की जीवनियां शामिल हों, जिससे युवा पीढ़ी राष्ट्र गौरव से जुड़ सके।

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