Friday, May 30, 2025
Google search engine
Homeदेश/दुनियाअमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ की चेतावनीः ऑपरेशन सिंदूर ने US को दिखाई असलियत,...

अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ की चेतावनीः ऑपरेशन सिंदूर ने US को दिखाई असलियत, भारत से सबक ले वर्ना..

अब लड़ाई के मैदान में पारंपरिक हथियारों की जगह सस्ते और प्रभावशाली ड्रोन सिस्टम ले रहे हैं। स्पेंसर के शब्दों में “ड्रोन अब नए तोप के गोले हैं। युद्ध जीतने के लिए हमें निगरानी करने वाले, हमला करने वाले और तेज़ उड़ान भरने वाले हजारों नहीं, लाखों ड्रोन चाहिए।”

अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ की चेतावनीः ऑपरेशन सिंदूर ने US को दिखाई असलियत, भारत से सबक ले वर्ना..

वाशिंगटनः भारत द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को भविष्य की लड़ाई का नया चेहरा दिखा दिया है। अमेरिका के प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ और वॉर इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर जॉन स्पेंसर ने कहा है कि यह सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए भी एक नींद से जगाने वाली चेतावनी है।उन्होंने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य के युद्ध कैसे होंगे-तेज़, तकनीकी, और घातक। अब अमेरिका को भी अपनी सुस्त और महंगी डिफेंस मशीनरी पर गंभीरता से काम करना होगा।”

 

अमेरिका का रक्षा ढांचा खतरे में
जॉन स्पेंसर के मुताबिक अमेरिका की सैन्य तैयारियां खस्ताहाल हो चुकी हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर अचानक चीन से युद्ध छिड़ जाए, तो अमेरिका उसकी आक्रामक ताकत के सामने कमज़ोर साबित हो सकता है। कुछ प्रमुख समस्याएं जो उन्होंने गिनाईं:

अमेरिका हर साल केवल 24 से 48 PAC-3 मिसाइलें बना सकता है।
यूक्रेन को भेजे गए स्टिंगर और जैवलिन मिसाइलों की भरपाई में से 4 साल लग जाएंगे।
155 मिमी तोपों के गोले भी लगभग खाली स्टॉक में पहुंच चुके हैं।

अमेरिकी हथियार महंगे, सुस्त, और कम मात्रा में
स्पेंसर ने अमेरिका की डिफेंस इंडस्ट्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक Tomahawk मिसाइल की कीमत लगभग 2 मिलियन डॉलर है। HIMARS लॉन्चर की कीमत 5 मिलियन डॉलर से अधिक है। इसके मुकाबले ईरानी ड्रोन मात्र 40,000 डॉलर में उपलब्ध हैं और काम में ज़्यादा कारगर साबित हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने भी अमेरिका की ड्रोन नीति पर निशाना साधते हुए कहा, “हम लाखों डॉलर के ड्रोन बनाते हैं, जबकि हमारे दुश्मन कुछ हजार डॉलर में घातक ड्रोन तैयार कर लेते हैं।”

 

ड्रोन बन चुके युद्ध के नए सिपाही
ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन का जिस तरह से इस्तेमाल हुआ, उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब लड़ाई के मैदान में पारंपरिक हथियारों की जगह सस्ते और प्रभावशाली ड्रोन सिस्टम ले रहे हैं। स्पेंसर के शब्दों में “ड्रोन अब नए तोप के गोले हैं। युद्ध जीतने के लिए हमें निगरानी करने वाले, हमला करने वाले और तेज़ उड़ान भरने वाले हजारों नहीं, लाखों ड्रोन चाहिए।”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments