Saturday, May 24, 2025
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गलत खून चढ़ाने से गई मेरे मां की जान, लापरवाही की भी हद होती है

गलत खून चढ़ाने से गई मेरे मां की जान,लापरवाही की भी हद होती है

जयपुर: उत्तर भारत के सबसे बड़े और नामी अस्पताल सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक बार फिर बड़ा कांड हो गया। सबसे भरोसे वाले इस अस्पताल के डॉक्टरों ने इस भरोसे तो तोड़ने का काम किया किया है। मरीज को बी पॉजिटिव ब्लड के स्थान पर ए पॉजिटिव ब्लड चढा दिया। गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से महिला मरीज की मौत हो गई। इस एसएमएस अस्पताल में ऐसी गलती पहली बार नहीं हुई है। पिछले डेढ साल में तीन ऐसे मामले सामने आए हैं जब मरीज को गलत ग्रुप का ब्लड चढा दिया गया। पिछले साल दौसा के मरीज सचिन शर्मा की गलत ग्रुप का ब्लड चढने से मौत हुई थी। अब टोंक की रहने वाली एक महिला मरीज की मौत हुई है।

12 मई को भर्ती हुई थी महिला मरीज

जानकारी के मुताबिक टोंक जिले के निवाई की रहने वाली महिला मरीज 12 मई को एसएमएस अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंची थी। उसे टीबी और प्रेगनेंसी से जुड़ी प्रॉब्लम थी। ऐसे में उसे भर्ती कर लिया गया। आईसीयू में बेड खाली नहीं होने पर सामान्य वार्ड में ही महिला मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। महिला मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ गई थी। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। ऐसे में उसे 15 मई को उसे वेंटिलेटर पर लिया गया।

5 महीने की गर्भवती लेकिन करानी पड़ी डिलीवरी

महिला मरीज 5 महीने की गर्भवती थी लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे की हार्ट रेट बिल्कुल नहीं आ रही थी। ऐसे में 19 मई को गायनी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों को बुलाकर वेंटिलेटर पर रहते हुए ही महिला मरीज की डिलीवरी कराई गई। इससे महिला का हीमोग्लोबिन काफी नीचे आ गया। उसे ब्लड की जरूरत बताई गई। डॉक्टरों की टीम ने ब्लड के लिए पर्ची बनाकर मरीज के परिजनों को दे दी। बताया जा रहा है कि इस पर्ची पर ए पॉजिटिव ग्रुप लिख दिया गया। ऐसे में ब्लड बैंक वालों ने ए पॉजिटिव ब्लड दे दिया। जैसे ही मरीज को ब्लड चढ़ाया गया तो उसका शरीर कांपने लगा।

बी पॉजिटिव के स्थान पर ए पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया

महिला मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ी और शरीर कांपने लगा तो उसके ब्लड सैंपल की जांच की गई। उसका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव पाया गया लेकिन जो ब्लड उसे चढ़ाया गया, वह ए पॉजिटिव था। महिला का शरीर कांप रहा था। वेंटिलेटर पर होते हुए भी उसकी सांसे थम गई। अब अस्पताल प्रशासन ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी जांच करेगी कि गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाए जाने की गलती किस स्तर पर हुई। ब्लड ग्रुप की जांच ही नहीं की गई या सैंपल बदल गया। कमेटी की जांच के बाद एक्शन लेने की बात कही जा रही है।

पूर्व में भी हो चुकी दो घटनाएं

पिछले साल 22 फरवरी को भी एसएमएस अस्पताल में गलत ग्रुप के ब्लड चढाने की घटना हुई थी। दौसा निवासी सचिन एसएमएस में भर्ती थे। 25 वर्षीय सचिन का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था। उसे ओ पॉजिटिव के बजाय एबी पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया। बाद में सचिन की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। इस मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो स्पेशलिस्ट डॉ. एसके गोयल और रेजिडेंट डॉक्टर दौलत राम के साथ रिषभ चलाना को एपीओ किया गया। 5 दिसंबर 2024 को भी भरतपुर के रहने वाले एक 10 साल के बालक के गलत ग्रुप का ब्लड चढा दिया गया था। बालक की तबीयत बिगड़ी। हालांकि बाद में डॉक्टरों की टीम ने बालक को बचा लिया था।

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