Wednesday, May 21, 2025
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अब मिट्टी नहीं, मैट पर बैठेंगी गौमाता, झुंझुनूं की श्री गोपाल गौशाला में शुरू हुआ अनोखा नवाचार

झुंझुनूं की श्री गोपाल गौशाला में अब गायों को मिलेगा आरामदेह जीवन। मुंबई के उद्योगपति सुशील गाडिया ने गौशाला में गायों के लिए विशेष काउ मैट्स लगवाने का संकल्प लिया है। इन मैट्स से गायों को गोबर और मूत्र से होने वाली गंदगी से बचाया जा सकेगा। साथ ही, इससे दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी।

अब मिट्टी नहीं, मैट पर बैठेंगी गौमाता, झुंझुनूं की श्री गोपाल गौशाला में शुरू हुआ अनोखा नवाचार

झुंझुनूं: गौसेवा की परंपरा को नया आयाम देते हुए राजस्थान में झुंझुनूं की ऐतिहासिक श्री गोपाल गौशाला में अब गौमाताएं मिट्टी की नहीं बल्कि नरम, गर्म और आरामदायक मैट पर विश्राम करेंगी। यह झुंझुनूं जिले की पहली गौशाला होगी जहां आधुनिक काउ मैट्स के जरिए गायों के स्वास्थ्य और आराम का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

दरअसल, अभी तक हमने मनुष्य को ही मैट पर सोते और बैठते देखा होगा। लेकिन अब झुंझुनूं की श्री गोपाल गौशाला में रहने वाली गौमाता भी गर्म गद्दों (मैट) पर सो और बैठकर आराम कर पाएंगी। झुंझुनूं की गौशाला में भी नवाचार के क्रम में यह झुंझुनूं जिले की पहली गौशाला होगी जहां गायों के बैठने के लिए गद्दों का प्रयोग किया जाएगा।

मुंबई से आया सौगातों से भरा पैगाम
इस नवाचार के पीछे हैं मुंबई के उद्योगपति और झुंझुनूं के गौरव भामाशाह सुशील रामस्वरूप गाडिया, जो हाल ही में झुंझुनूं प्रवास पर आए और गौशाला में सेवा करते हुए भावुक हो उठे। गौमाताओं की स्थिति देख उन्होंने तुरंत घोषणा की कि गौशाला में सैंकड़ों गायों के लिए काउ मैट्स मंगवाए जाएंगे और इसका पूरा खर्च वे स्वयं वहन करेंगे।

क्यों खास है ये काउ मैट?
गोशाला के मीडिया प्रभारी डी.एन. तुलस्यान के अनुसार, ये विशेष प्रकार के काउ मैट्स गायों को उनके ही गोबर व मूत्र से फैलने वाली गंदगी से बचाएंगे। इसके साथ ही यह गायों के घुटने छिलने की समस्या को दूर करेगा। थनों को सुरक्षित रखने में सहायक होगा और सबसे बड़ी बात, दूध उत्पादन की क्षमता में भी इजाफा करेगा। मतलब, आराम भी और उत्पादन भी।

गौशाला बनी नवाचार की मिसाल
गोपाल गौशाला के अध्यक्ष प्रमोद खंडेलिया और मंत्री नेमीचंद अग्रवाल ने बताया कि गोशाला में नवाचारों की परंपरा पहले से रही है। हाल ही में कई गौ-आवासों का निर्माण भी भामाशाहों के सहयोग से करवाया गया है। गुजरात से गिर नस्ल और बीकानेर से राठी नस्ल की गायों को लाकर उनका लालन-पालन यहां किया जा रहा है।

125 साल की सेवा परंपरा में नया अध्याय
श्री गोपाल गौशाला बीते 125 वर्षों से गौसेवा में समर्पित है और स्थानीय व प्रवासी श्रद्धालुओं के सहयोग से दिन-ब-दिन और समृद्ध हो रही है। मंत्री नेमीचंद अग्रवाल ने कहा, लोगों का गौसेवा के प्रति बढ़ता रुझान ही इस संस्था की असली ताकत है। अब जब गायें भी मेट के गद्दों पर बैठेंगी, तो नजारा कुछ और ही होगा।

एक नजर में- झुंझुनूं की गोपाल गौशाला का नवाचार
गायों के लिए लाए जाएंगे विशेष काउ मैट्स
मुंबई प्रवासी उद्योगपति सुशील गाडिया का आर्थिक सहयोग
मैट्स से मिलेगा गायों को आराम और स्वास्थ्य लाभ
दूध उत्पादन में भी होगी बढ़ोतरी
नवाचारों के लिए प्रसिद्ध है गोपाल गौशाला

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