मां संपूर्ण सृष्टि की जननी है माँः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
दौंड बालापुर जैन स्थानक भवन 11 में 2025
मां संपूर्ण सृष्टि की जननी है मां। अगर मां नहीं होती तो संत और महापुरुष कहां से आते हैं उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने मदर्स डे के अवसर पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। महाराज श्री ने कहा कि इसीलिए महापुरुषों से भी मां का दर्जा अनंत गुना ऊंचा है।
उन्होंने कहा कि जिनके व्यवहार से दुखी होकर मां की आंखों से दर्द के आंसू निकलते हैं और उसके द्वारा किया गया तीर्थ, त्याग, तपस्या, सेवा और दान सभी व्यर्थ चले जाते हैं।
मुनि कमलेश ने कहा कि आध्यात्मिक देश के लिए वृद्ध आश्रम एक कलंक और शर्मनाक घटना है जो वहां पर भेजते हैं संवेदनाहीन व्यक्ति धार्मिक तो क्या इंसान कहलाने का अधिकार भी नहीं है।
राष्ट्रसंत ने कहा कि मां के चरणों में जन्नत है उससे बड़ी धरती माता है जिस पर हमें मां ने जन्म दिया, जन्म देने वाली मां तो कुछ समय दूध पिलाती है परंतु गाय माता जीवन पर्यंत पिलाती है जिनवाणी माता आत्मा के कर्मों का प्रक्षालन करके पवित्र बनाती है इन सब के वफादार बनना मानवता के लक्षण है।
जैन संत ने कहा कि विश्व के सभी धर्म ग्रंथ और महापुरुषों ने मां के चरणों का आशीर्वाद लेकर साधना की तभी सफल हुए मां के कर्ज से कभी मुक्त नहीं हो सकते।
अखिल भारतीय स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस शाखा कर्नाटक विहार सेवा ग्रुप बैंगलोर के रमेश खाबिया, प्रकाश बोहरा, विकास कोठारी, दौंड बालापुर से प्रकाश बोहरा, सुजीत मखाना ,अशोक कोठारी, नेमीचंद मुथा ने बिहार सेवा का लाभ लिया। चंपालाल जी मखाना ने संतों का अभिनंदन किया। संघ के मंत्री रमेश कवाड़ ने बताया कि 12 मई को वीरांगना सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है। बालापुर से उत्तम चंद कोठारी, प्रकाश चोपड़ा, जिनेंद्र नागेता प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्र संत से अपने यहां पर पधारने की विनती की सक्षम मुनि जी कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया, घनश्याम मुनि जी अक्षत मुनि जी ने विचार व्यक्त किए।