आंदोलन से नहीं पालन से बचेगी गायः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
जोगन हल्ली नित्यानंद आश्रम 4 मई 2025
एक तरफ मार्बल की गाय की मूर्ति की आरती उतारते हैं दूसरी तरफ जिंदा गौ माता को प्लास्टिक और गंदगी खिलाकर मौत का शिकार बनाते हैं यह महा पाप है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने नित्यानंद आश्रम में सम्मेलन को संबोधित करते व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में लाखों धर्मस्थल है, प्रत्येक स्थल एक-एक गौशाला चालू कर दे तो ढूंढ़ने से भी कत्ल खाने गाय माता नहीं जाएगी ।कत्ल खाने स्वत जंग खा जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण कानून में हरे वृक्ष को काटना अपराध है फिर पशुओं पर खंजर चलाने की इजाजत कैसे, पशुओं का कत्ल पर्यावरण कानून का कत्ल करने के समान है।
मुनि कमलेश ने बताया कि खूंखार जंगली जानवर के शिकार पर तो सरकार दंड देती है, अवशेष मिलने पर अपराधी घोषित करती है तो फिर पालतू पशु पर खंजर चलाने की इजाजत कैसे।
राष्ट्र संत ने कहा कि पशुधन नहीं बचा तो तिरुपति बालाजी की तरह धर्मस्थल अपवित्र हो जाएंगे, चर्बी के प्रसाद और यूरिया दूध से प्रक्षालन ना करना पड़े हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ होता।
जैन संत ने कहा कि रासायनिक खाद्य और कीटनाशक दवाइयां धरती को बंजार बना रही है, मानव को किडनी, हार्ट अटैक, कैंसर जैसे असाध्य रोगों का शिकार बना रही है। पशु संस्कृति, स्वास्थ्य, आर्थिकता और पर्यावरण की रक्षा से महत्वपूर्ण है।
स्वामी पूर्णानंद जी ने कहा कि राष्ट्र संत के क्रांतिकारी विचार गाय माता आंदोलन से नहीं पालन से बचेगी गाय की। हत्या रामकृष्ण महावीर की हत्या से बढ़कर है हम सभी मिलकर रक्षा का संकल्प लें।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली में घोषणा करते हुए कहा कि यहां का मंदिर गौशाला चालू करता है तो 51000 प्रदान किए जाएंगे उक्त जानकारी दिवाकर मंच कर्नाटक के प्रमुख महेंद्र चोपड़ा ने प्रदान की।