वीर ही अहिंसावादी हो सकता हैः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
गगनहली जीतो बिहार धाम 8 में 2025
यदि कोई अहिंसा को कायरता के नाम से पुकारता है डरपोक, बुजदिल, पलायनवादी और भगोड़ा मानता है वह अहिंसा के मार्ग से अनभिज्ञ है, नादान है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने धर्मसभा को संबोधित व्यक्त किये। महाराज ने कहा कि वीर बहादुर और पराक्रम वाला व्यक्ति ही अहिंसा का पालन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि जुल्म करना हिंसा है तो जुल्म सहना भी हिंसा है। जुल्म का प्रतिकार करने के लिए सिर पर कफन पर बांधकर मैदान उतरता है वही सच्चा अहिंसा वादी है।
मुनि कमलेश ने कहा कि अन्याय को देखकर अहिंसा की दुहाई देते हुए हाथ पैर हाथ रखकर बैठा रहता है, कर्म की बात करके मौन राहत है वह अहिंसा को कलंकित और बदनाम करता है।
राष्ट्र संत ने बताया कि अन्याय और जुल्म को रोकने के लिए उठाया गया कठोर से कठोर कदम भी अहिंसा कि श्रेणी में आता है। भगवान महावीर के उपासक ने समाज को और देश की रक्षा के लिए युद्ध का नेतृत्व किया है।
जैन संत ने आप्रेंशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा मैं भारतीय जवानों के शौर्य पराक्रम ने विश्व में अपनी शक्ति का लोहा मनवाया है दोबारा ऐसा दूसरा कोई नहीं कर पाएगा।
अंत में कहा की भारत सरकार को संसद में प्रस्ताव पास करके पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित कर देना चाहिए और पूरे विश्व का समर्थन इनको मिलेगा।
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