हिंसा समाज,राष्ट्र के विकास में सबसे बड़ी बाधाः राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
दौंड बालापुर जैन स्थानक भवन 12 मई 2025
जैसे आग से आग को कभी भी बुझाया नहीं जा सकता, वैसे ही हिंसा को हिंसा से तीन काल में समाप्त नहीं किया जा सकता उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर धर्मसभा को संबोधिक करते हुए प्रकट किये। महाराज श्री ने कहा कि हिंसा से उठने वाली आग समाज, जाति और देश तरक्की में सबसे बड़ी बाधा है हिंसा विकास में सबसे बड़ी बाधा है। हिंसा का अर्थ है धन की बर्बादी और सर्व विनाश, सर्व स्वाहा। परस्पर वार्ता करके ही हर समस्या को सुलझाया जा सकता है बशर्त इरादे नेक होने चाहिए।
मुनि कमलेश कहा कि युद्ध और हिंसा के खौफनाक दहशत के भय से चिंता और तनाव पैदा होने से असाध्य रोगों की प्रबल संभावना रहती है, पशु पक्षी यहां तक प्रकृति और पर्यावरण पर भी उसका दुष्प्रभाव पड़ता है जापान हिरोशिमा इसका साक्षी है।
राष्ट्र संत ने कहा की हिंसा फैलाने वाले भी उसमें जलकर खाक हो सकते हैं, संयुक्त राष्ट्र संघ और मानवाधिकार संगठन क्या अप्रासंगिक हो गए हैं। हिंसा और युद्ध भड़काने वालों पर कठोर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
जैन संत ने कहा की अहिंसा की महाशक्ति ही विश्व शांति स्थापित कर सकती है शांति की ओट में हथियारों का जखीरा एकत्रित करना मानवता के विनाश को खुला निमंत्रण है रासायनिक हथियार पर प्रतिबंध लगे।
अंत में कहां की बारूद के ढेर पर बैठकर शांति के कल्पना करना अज्ञानता है, युद्ध का पैसा अभावग्रस्त लोगों की सेवा में लगा दिया जाए तो राम राज्य की कल्पना साकार हो जाएगी। भगवान बुद्ध और महावीर के विचारधारा ही विश्व में शांति ला सकती है।
पाक्षिक मोक्ष मार्ग के प्रधान संपादक गौतम ओस्तवाल बेंगलुरु ने बताया कि प्रेम और करुणा का संचार प्राणी मात्रा में हो विश्व शांति स्थापित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र संत कमल मुनि जी एक युगांतरकारी राष्ट्र संत हैं जिन्होंने परस्पर विरोधी विचारधारा में समन्वय स्थापित करके सफलता की नई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। 25 वर्षों बाद दक्षिण में पधारने पर अभिनंदन किया। आपका चातुर्मास चेन्नई साहूकार पर जैन भवन में 7 जुलाई को प्रवेश की संभावना है। संघ प्रमुख चंपालाल जी मकाना प्रकाश बोहरा ने बताया कि 13 में को राष्ट्र संत कमल मुनि जी शाम 5:00 बजे चेन्नई की ओर पदयात्रा प्रारंभ करेंगे।