Wednesday, May 21, 2025
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धर्मग्रंथों में विधवा शब्द है ही नहींः राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

धर्मग्रंथों में विधवा शब्द है ही नहींः राष्ट्रसंत कमलमुनि कमलेश

 

दौंड बालापुर जैन स्थानक भवन (13 मई  2025)

सती प्रथा में नारी को पति के साथ जला दिया जाता था उससे भी अनंत गुना ज्यादा खतरनाक है विधवा प्रथा, जिंदगीभर तिरस्कार और उसकी उपेक्षा के हथियार का शिकार करके  आत्मा उसकी को छलनी छलनी कर देते हैं उसको घुट घुट कर मरने को मजबूर कर दिया जाता है आखिर उसका क्या दोष है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश वीरांगना सन्मान समारोह को संबोधित करते व्यक्त किये। उन्होंने कहा  कि किसी भी धर्म ग्रंथ के अंदर विधवा शब्द का उल्लेख नहीं है  उसे नारकीय जीवन जीने को मजबूर करते यह कहां का न्याय है।

उन्होंने कहा कि विधवा नारी को दूसरे नंबर का दर्जा देना, हीन भावना से देखना,  अपसुकन मानना, यह मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी का अपमान करने के समान है, शील व्रत पालने वाली देवी से भी महान होती है।

मुनि कमलेश ने बताया कि पति के वियोग के जख्मों के ऊपर तिरस्कार, अपमान और यातना का नमक छिड़कना महान पाप   है मंगल काम में वांछित रखना  कौन से ग्रंथ में लिखा है।

राष्ट्र संत ने कहा कि संघर्ष करके बच्चों का पालन-पोषण करती है, परिवार को संभालती है, शील व्रत का पालन करती है वह किसी सौभाग्यवती से  कम नहीं है उसका अपशुकन मानना नारी के साथ अन्याय और मानवता पर कलंक है उससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता।

जैन संत ने कहा की पति के मरने पर पत्नी के साथ जो दुर्व्यवहार किया जाता है क्या पत्नी के मरने पर पति के साथ किया जाता है क्या, ऐसा क्यों? सबके साथ समानता का व्यवहार करना चाहिए तभी धार्मिकता में प्रवेश होगा। आयुष्कर्म किसी के हाथ में  नहीं है ,कोई दो दिन पहले कोई दो दिन बाद में जाता ही है। महाराज श्री ने कहा कि   राष्ट्रपति द्वोपदी मुर्मू एवं कांग्रेस की नेता सोनिया गाँधी को  वीरांगना से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया, चेन्नई में भव्य कार्यक्रम चातुर्मास में आयोजित किया जाएगा।

जैन संत ने कहा कि अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा ने पूरे देश में विधवा को वीरांगना और मंगल काम में आगे रखना क्रांति का अभियान चालू किया, जो सभी धर्म और समाज में लोकप्रिय हो रहा है।

वर्धमान स्थानक वाशी जैन श्रावक संघ दौंड बालापुर ने कर्नाटक इतिहास में प्रथम बार विधवा को वीरांगना से समाज की जाजम पर सम्मानित करते हुए मंगल काम में आगे रखने का संकल्प लिया इतना ही नहीं शांति बाई बोहरा, पुष्पा पुंगलिया, भंवरी बाई लुंकड़, रेखा पालगोता वीरांगनाओं को मंच पर सम्मानित किया। वीरांगनाओं की आंखें खुशी के मारे छलक पड़ी स्थल रोमांचित हो गया। मुनि कमलेश की इस क्रांति का पूरे देश में सभी धर्म जाति और संप्रदाय के लोग अभिनंदन कर रहे हैं। नासिक महाराष्ट्र में 5000 वीरांगनाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। चंदनबाला महिला मंडल दौंड बालापुर के अध्यक्ष वीणा जैन, मंत्री इंदिरा मकाना ने गुरुदेव का आभार व्यक्त  किया। अशोक कोठारी, ललित बोहरा, केवल चंद जी काकरिया, प्रकाश बोहरा, नेमीचंद मुथा ने बिहार सेवा का लाभ लिया। 14 मई को जैन मंदिर देवनहली मैं प्रात 9:00 बजे सद्भावना दिवस मनाया जाएगा।

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