Wednesday, May 21, 2025
Google search engine
Homeबेबाक बात“ऑपरेशन सिंदूर” – भारत की सैन्य पराक्रम और रणनीतिक विजयनीति का ऐतिहासिक...

“ऑपरेशन सिंदूर” – भारत की सैन्य पराक्रम और रणनीतिक विजयनीति का ऐतिहासिक शंखनाद 

गोली का जबाब गोले से मिलेगा

“ऑपरेशन सिंदूर” – भारत की सैन्य पराक्रम और रणनीतिक विजयनीति का ऐतिहासिक शंखनाद

 

विश्व के इतिहास में पहली बार

 

90 मिनट में किसी परमाणु राष्ट्र के 11 एयरबेस तबाह

भारत ने वह कर दिखाया, जिसे करने का साहस दुनिया की किसी महाशक्ति ने अब तक नहीं किया था।

पाकिस्तान के 11 एयरबेस – जिनमें रणनीतिक महत्व वाले सरगोधा जैसे अड्डे शामिल थे – भारतीय वायुशक्ति के क्रांतिकारी प्रहार से ध्वस्त हो गए।उनके रनवे चीर दिए गए। एयर डिफेंस सिस्टम जलकर राख हो गया। और सरगोधा जैसे अड्डे पर तो भारत ने ठीक उसी स्थान को निशाना बनाया जहाँ उनके परमाणु अस्त्र रखे गए थे।

नतीजा:

विकिरण का रिसाव

परमाणु चेतावनी

और अमेरिका की नींद उड़ गई

उन्होंने तुरंत युद्धविराम की गुहार लगाई, क्योंकि दोनों परमाणु राष्ट्रों की टकराहट ने दुनिया को हिला कर रख दिया।

 

लेकिन भारत ने क्या किया?

ऑपरेशन सिंदूर बंद नहीं किया।

घुटने टेकने से इनकार किया।

क्योंकि भारत अब वो नहीं रहा, जो दशकों तक सहता रहा।

आज भारत वह राष्ट्र है जो आतंक के गढ़ में घुसकर उसका सर्वनाश करता है।

 

भारत ने सिद्ध किया है कि:

•अगर सीमा पार से गोली चलेगी, तो जवाब गोले से मिलेगा।

•अगर तुम हमारे निर्दोषों की जान लोगे, तो हम तुम्हारे आतंकी अड्डों को नष्ट करेंगे – चाहे वो लाहौर हो, बहावलपुर हो या सरगोधा।

 

आज की सच्चाई यह है:

 

•हमने  100 से अधिक  जिहादियों को जहन्नुम भेजा।

•9 आतंकी ठिकानों को पूरी तरह तबाह किया।

•पाकिस्तान के हर बड़े एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया।

•और उनके परमाणु अहंकार को धूल में मिला दिया।

 

पाकिस्तान ने युद्धविराम की भीख माँगी।

और यही पराजय की घोषणा होती है।

क्योंकि जो पहले झुके, वही हारे। पाकिस्तान हार गया।

 

सिंधु जल संधि? अब इतिहास बन चुकी है।

 

भारत ने स्पष्ट कर दिया है — पानी और शांति दोनों तभी मिलेंगे जब आतंक का नामोनिशान मिटेगा।

 

और यही नहीं :

 

आज अमेरिका की परमाणु जांच एजेंसी का विशेष विमान नूर खान एयरबेस पर उतर चुका है।

वो आकलन कर रहे हैं कि भारत ने कितनी सटीकता से परमाणु अड्डे को क्षति पहुंचाई।

दुनिया स्तब्ध है। भारत का लोहा मान रही है।

 

यह विजय केवल सैन्य नहीं, यह राजनीतिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण है।

 

भारत अब वह राष्ट्र नहीं जो वैश्विक शक्तियों की शरण में न्याय की भीख माँगता है।

 

आज भारत स्वयं निर्णय करता है, स्वयं युद्ध लड़ता है, और स्वयं न्याय करता है।

 

हमने तय किया है :

 

अब आतंक का हर ठिकाना खत्म होगा, चाहे वो कराची हो या लाहौर

 

कोई भी आतंकवादी घटना अब भारत की सीमाओं के भीतर न केवल जवाब पाएगी, बल्कि उसके स्रोत को भी नष्ट कर दिया जाएगा।

 

यही है “ऑपरेशन सिंदूर” की उपलब्धि:

 

1.200 से अधिक आतंकवादी जहन्नुम भेजे गए

2.पाकिस्तान की धरती पर 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया

3.उनके हर प्रमुख एयरबेस पर हमला कर वायुसेना की पोल खोल दी

4.पाकिस्तान को युद्धविराम की भीख माँगने पर मजबूर किया

5.सिंधु जल संधि को इतिहास में फेंक दिया

6.भारत को मिली खुली छूट — आतंकवाद का स्रोत जहाँ भी हो, भारत प्रहार करेगा

 

लेकिन साथ ही हम यह भी जानते हैं:

 

हमें 80 करोड़ युवा भारतवासियों का भविष्य सुरक्षित करना है।

हमें लड़ाई नहीं, उद्योग, नवाचार, कृषि और आत्मनिर्भरता चाहिए।

हमें युद्ध नहीं, विकास चाहिए।

पर अगर कोई रुकावट बनेगा,

तो भारत अब पीछे नहीं हटेगा ,

बल्कि इतिहास रचेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments