जहां नारी का सम्मान वहां ईश्वर का वास : राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
(होसपेट जैन मंदिर धर्मशाला 22 अप्रैल 2025)
भगवान महावीर ने पुरुष प्रधान मानसिकता नहीं आत्म प्रधान मानसिकता को महत्व दिया है उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने वीरांगना सम्मान समारोह को संबोधित करते कहा कि जिस घर में नारी का सम्मान होता है वह देवता का निवास होता है।
उन्होंने कहा कि नारी को ज्ञान साधना में जितना महत्व दिया जाएगा उतनी आने वाली संतान संस्कारवान और चरित्रवान होगी।
मुनि कमलेश ने बताया कि जितने भी महापुरुष हुए हैं उनके निर्माण में नारी का योगदान ऑक्सीजन में महत्वपूर्ण रहा है।
राष्ट्र संत ने कहा कि नारी की उपेक्षा करना तिरस्कार और अपमान करना साक्षात दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी का अपमान करने के समान है।
जैन संत ने कहा कि जन्मदिन से लेकर मृत्यु तक सारी मर्यादा नारी पर क्यों थोपी जाती है, घूंघट प्रथा ,दहेज प्रथा, सती प्रथा ,विधवा प्रथा से मुक्त हुए बिना नारी का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता।
अखिल भारतीय ज्ञान दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली द्वारा राष्ट्र व्यापी वीरांगना अभियान के अंतर्गत राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश के 46 से दीक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 46 वीरांगनाओं का अभिनंदन किया।इतिहास में प्रथम बार विधवा बहनों को समाज के धर्मगुरु के सामने समाज की जाजम पर सम्मान सत्कार मिला, जिसको पाकर वीरांगनाओं की आंखें छलक पड़ी भावुक हो गई। संपूर्ण जनता में हर्ष उमंग और उत्साह छाया। राजकुमार भूरट, गौतम भंसाली, अतुल कनुगा, शांतिलाल विनायक्या ने विचार व्यक्त किया। दिवाकर मंच कर्नाटक के प्रमुख महेंद्र चोपड़ा कोप्पल ने वीरांगना का प्रस्ताव रखा। सुंदर बहनबागरेचा, उगम देवी नाहर ,इंद्रधनेशा ने वीरांगनाओं का सम्मान सील की चुनरी समर्पित कर अभिनंदन किया। राजकुमार जी भुरट सेवा का लाभ लिया राष्ट्र संत कमल मुनि जी ने चित्रदुर्गा के लिए विहार किया।