कोप्पल कर्नाटक।
“संविधान देश की आत्मा , धर्म का सुरक्षा कवच तथा मानव विकास के लिए ऑक्सीजन से भी महत्वपूर्ण है” उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विशाल सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। राष्ट्रसंत ने कहा कि संविधान का सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का प्रथम कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि देश में सबको वोट डालने का समान अधिकार है, तो संविधान भी सब पर समान रूप से लागू होना चाहिए ,एक देश में दो कानून कहां का न्याय है।
मुनि कमलेश ने बताया कि विभिन्न धर्मों की अलग-अलग मान्यता है, नियम है, देश धर्म से नहीं संविधान से चलेगा। देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने वाला ही सच्चा धार्मिक है।
राष्ट्र संत ने कहा कि सामाजिक समरसता, इंसानियत का निर्माण ,सर्व धर्म सद्भाव ,नशा मुक्त जीवन जीने का संकल्प करना होगा।

जैन संत ने बताया कि बुद्ध और महावीर के विचार ही विनाश से बचा सकते हैं, विश्व में हिंसा और आतंकवाद मिटाने के लिए युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए।
कर्नाटक सरकार के सांस्कृतिक सचिव शिवराज जी ने मुनि कमलेश के विचारों का समर्थन करते हुए देश को कट्टरता से मुक्त करने का संकल्प दिलाया।
सांसद राजशेखर ने बढ़ते तापमान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा पर्यावरण की रक्षा के लिए “जल बचाओ वृक्ष बचाओ” से ही प्रदूषण हटाने पर हमारी रक्षा होगी।
विधायक राघवेंद्र ने अधिकार और न्याय पाने के लिए अहिंसा के मार्ग पर चलने का आवाहन किया।
जिला कलेक्टर नलिनी , पुलिस महानिदेशक डॉ राम जी ने कहा कि संतों की वाणी से परिवर्तन आता है। सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है हर बुराई पर विजय पाने के लिए।
कार्यक्रम में मुनि कमलेश ने सभी अतिथियों को अंबेडकर संविधान स्वरूप कलम प्रदान की। इससे उज्जवल भविष्य का निर्माण करें। कर्नाटक सरकार की ओर से मुनि कमलेश का अभिनंदन साहित्य भेट करके किया गया।