रामावतार मीणा, जिला कलक्टर, झुंझुनूं की अपील
प्रिय जिलेवासियों,
यह बेहद सुखद बात है कि जिले में पेयजल समस्या मिट रही है। राज्य सरकार के प्रयासों से मलसीसर डैम को पूरा भर दिया गया है, जिससे इस गर्मी में पेयजल आपूर्ति सुचारू हो चुकी है। जलदाय विभाग भी लगातार अपने प्रयास वृहद स्तर पर कर रहा है। झुंझुनूं शहर में गत वर्ष के 30 नलकूपों की बजाय तीन गुना यानी 90 नलकूपों से पेयजल की निर्बाध आपूर्ति जारी है। जिले में अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को भी किसी तरह की परेशानी नहीं हो, राज्य सरकार की इस मंशानुरूप हमारे प्रयास जारी हैं। फिर भी यदि किसी व्यक्ति को पानी की समस्या को लेकर कोई परेशानी हो, तो जलदाय विभाग के हैल्पलाईन नंबर 01592-232636 पर फोन करके बताया जा सकता है, ताकि त्वरित समाधान करवाया जा सके।
लेकिन लोकतंत्र चूंकि ‘जनता के लिए जनता द्वारा जनता का शासन’ है, इसलिए इन सब प्रयासों के साथ आमजन का सहयोग बेहद आवश्यक है। सहयोग इस मायने में कि सामान्यतया यह देखने में आता है कि पानी की उपलब्धतता बहुतायत में होने पर पानी का दुरुपयोग भी अक्सर लोग करते हैं। यह मेरा निजी अनुभव रहा है कि बहुत से घरों में पानी की टंकियां भर जाने के बाद पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर व नालियों में व्यर्थ ही बहता रहता है। कुछ लोग अपनी गाड़ी की रोजाना शॉवर से धुलाई करते है, जिससे हजारों लीटर पानी बर्बाद होता है, जबकि गाड़ी को गीले कपड़े से पोंछ कर भी साफ किया जा सकता है। कुछ लोग अपने घर पर लगे पौधों में भी जरुरत से ज्यादा पानी देते हैं, जबकि हर पौधे की अपनी-अपनी जलग्रहण क्षमता आकार के अनुसार होती है, उससे ज्यादा पानी देना, पानी को व्यर्थ बहाना ही है। शेविंग और दंतमंजन करते वक्त नल खुला रखना एक आम ‘अच्छी आदत नहीं है’, जिससे एक बार में 10 से12 लीटर पानी बर्बाद हो जाता है, जबकि यही दंतमंजन या शेविंग डिब्बे या लोटे में पानी लेकर करने पर एक लीटर से भी कम पानी खर्च होता है। इसी तरह कुछ लोग साफ-सफाई में भी पोंछे की बजाय फर्श नियमित रूप से धोते हैं,उसमें भी बेहद पानी खर्च होता है। बर्तन धोने में भी नल को तेज प्रेशर में खोलने पर पानी ज्यादा खर्च होता है और बर्तन कम साफ होते हैं, जबकि धीमे प्रेशर में नल खोलने पर सफाई अच्छे से होती है और पानी भी कम खर्च होता है। लब्बोलुआब़ यह है कि यदि आपके घर पानी अधिक या पर्याप्त आ रहा है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसे बेतहाशा खर्च करो। हो सकता है आपके पड़ोसी या इसी जिले के किसी अन्य वाशिंदे के घर पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में आप अपने पानी का उचित सदुपयोग करके, दुरुपयोग नहीं करके जिनके घर में पानी नहीं पहंच पा रहा हो, उनके लिए अपना योगदान दे सकते हैं। वहीं पानी को व्यर्थ बहाना तो किसी के लिए भी लाभकारी नहीं है। यदि आपके घर पर्याप्त आपूर्ति हो रही हो, तो भी व्यर्थ बहाने से ना केवल आपके पानी का बिल बढ़ेगा, बल्कि वास्तुशास्त्र के मुताबिक भी पानी को व्यर्थ बहाना बरकत में बाधा बनता है।
ऐसे में बतौर प्रशासनिक अधिकारी मैं आप सब आमजन से यह अपील करता हूं कि प्रशासन ने पेयजल आपूर्ति की सभी माकूल व्यवस्थाएं कर दी है और निरंतर कर रहा है। लेकिन आमजन भी पानी का सदुपयोग करें, व्यर्थ बहावें नहीं। इससे हमारे ऐसे साथी, जिनके घर तक ऊंचाई पर होने की वजह से या अन्य किसी वजह से पानी कम पहुंच पाता है, वहां आपूर्ति में सहायता मिलेगी। ध्यान रखें कि जल को पैदा नहीं किया जा सकता, इसकी उपलब्धतता पृथ्वी पर सीमित और तय मात्रा में ही हैं। यदि हम इसका दुरुपयोग करेंगे, तो हम अपनी ही आने वाली पीढ़ी के लिए संकट खड़ा करेंगे। इसलिए पानी बचाने की इस मुहिम में प्रशासन का साथ देकर जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज अदा करें।
सधन्यवाद
आपका अपना
रामावतार मीणा
(जिला कलक्टर, झुंझुनूं)