Wednesday, May 21, 2025
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गर्मी में पक्षियों को जल पिलाने और दाना खिलाने से नष्ट होते हैं दोष: राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश 

जब आप पक्षियों को दाना रखते है और पानी पिलाते हैं तो ब्रह्मांड को यह संदेश पहुंचाता है कि आप दूसरों को कुछ देने के लिए समृद्ध और तैयार हैं। यह आपके घर की खुशहाली में वृद्धि करता है। * भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव के अंतर्गत लगाये गये परिंडे

गर्मी में पक्षियों को जल पिलाने और दाना खिलाने से नष्ट होते हैं दोष: राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश 

जब आप पक्षियों को दाना रखते है और पानी पिलाते हैं तो ब्रह्मांड को यह संदेश पहुंचाता है कि आप दूसरों को कुछ देने के लिए समृद्ध और तैयार हैं। यह आपके घर की खुशहाली में वृद्धि करता है।

गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है। सामान्य तौर पर इतना गर्म मौसम किसी को नहीं भाता लेकिन सृष्टि का चक्र तो चलता रहता है। मौसम बदलना एक आवश्यक क्रम है, जिससे बच पाना लगभग असंभव सा है। इस चिलचिलाती धूप में बार-बार प्यास लगना स्वाभाविक है। हम मनुष्य है, अगर गर्मी लगे तो भी बता सकते हैं और प्यास लगे तो भी। लेकिन ऐसे मौसम में उन बेचारे बेजुबान पक्षियों के लिए यह मौसम बहुत भारी पड़ जाता है। कई पक्षी तो केवल गर्मी और प्यास के चलते अपना दम तोड़ देते हैं।

गर्मी के मौसम में घर के बाहर, छत पर या बालकनी में पक्षियों के लिए दाना, पानी जरूर रखना चाहिए, ताकि उन बेजुबान पक्षियों को भी दाना, पानी मिल सके। पक्षियों को दाना खिलाना और पानी पिलाने के बहुत से फायदे हैं।

पक्षियों को दाना,पानी खिलाने का सबसे पहला और बड़ा फायदा यह है कि आपको और आपके परिवार को अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

 

 

भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर बांधे गये परिंडे

 

बेगू।   राष्ट्रसंत पूज्य कमल मुनि कमलेश जी की प्रेरणा से भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक के पावन अवसर पर भव्य शोभा यात्रा के पश्चात सकल जैन समाज पंचायती नोहरे के बाहर बेगू जीव दया के तहत मूक बधिर प्राणियों के लिए परिंडे लगाये गये।

अखिल भारतीय जैन दिवाकर मंच, नई दिल्ली राष्ट्रीय संत कमल मुनि कमलेश की प्रेरणा से बेगू अध्यक्ष श्रीमती सरोज कावड़िया, उपाध्यक्ष श्रीमती प्रमिला सुराणा ,सचिव ललिता चौरडिया, कोषाध्यक्ष बालचंद सुराणा ,उपकोषाध्यक्ष नेमीचंद कावड़िया, सीमा चौरडिया, सुंदरबाई सिंघवी, ममता आचलिया द्वारा पक्षियों के लिए 700 परिंदों का वितरण किया। सार्वजनिक धार्मिक एवं निजी स्थान पर भी परिंदे बांधने का काा किया गया। जीव दया ही, प्रभु सेवा है इसका संदेश दिया गया।

राष्ट्रसंत पूज्य कमल मुनि कमलेश जी की प्रेरणा से मूक बधिर पक्षियों के लिए परिंडे बांधे गये

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