- तंबू से कब बाहर आयेंगे भोलेनाथ,
हैदराबाद। अपने भक्तों को शानदार आशियाना देने वाले त्रिलोक स्वामी भगवान भोलेनाथ खुद एक तंबू के नीचे विराजमान है ऐसा नहीं कि उनके भक्त अपने इष्ट के लिए एक अच्छा भवन बनाने के लिए सामर्थ्य नहीं इसमें बाधा है तो सरकार और नौकरशाही। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद या के मध्य में स्थित पब्लिक गार्डन में स्थापित भगवान भोलेनाथ का प्राचीन विग्रह खुले आसमान में एक तंबू के नीचे चल रहा है, भक्तों की भावना है कि भगवान भोलेनाथ अयोध्या के रामलला की तरह नहीं तो कम से कम उनके स्थान को जगह तो मिलें।
विगत बीस वर्षों से यहां भगवान भोलेनाथ की नियमित पूजा अर्चना करने वाले कैलाश केडिया (व्यवासायी) के द्वारा आज वैशाख माह के शुभारंभ पर आयोजित अन्नदान कार्यक्रम में मिलने का सौभाग्य मिला, और इस दर्शनीय व पौराणिक महत्व के स्थल के बारे उनके विचार जानने का प्रयास किया।
जब उनसे बात शुरु की कि भगवान भोलेनाथ तो तंबू में है क्या उनको छत की जरूरत नहीं। बस बात वही से शुरु हुई,,
कैलाश केडिया ने बताया कि रामलला का दिव्य और भव्य मंदिर अयोध्या जी बन गया वहां तो कई तो कई, अड़चने रही होंगी परंतु यहां तो ये है ही नहीं। परंतु विश्वास है हमारे भगवान भोलेनाथ तंबू में नहीं रहेगे। हम तो सरकार से यही चाहते है कि मंदिर ना सही कम से कम, तंबू को हटाकर टीन शैड के निर्माण की स्वीकृति तो दें।
यहां उल्लेखनीय है कि नामपल्ली पब्लिक गार्डन के पास बहुत से धार्मिक स्थल बनें हुए है तो फिर इस पर ही आपत्ति क्यों।


कैलाश केडिया परिवार वर्ष भर में यहां भगवान भोलेनाथ के निमित्त अन्नकूट या यो कहें कि अन्नदान कार्यक्रम आपसी सहयोग से करता है, रविवार को भी कैलाश केडिया परिवार की और से प्रातः 6 बजे से अन्नदान किया गया जिसमे राधे राधे ग्रूप हैदराबाद के संयोजकगण एवं सदस्य उपस्थित रहे।