Wednesday, May 21, 2025
Google search engine
Homeराज्यों सेनमक हराम का कोई धर्म नही होता: राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

नमक हराम का कोई धर्म नही होता: राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

मजहब से बढ़कर माटी है, माटी का वफादार सच्चा धर्म का अधिकारी है

नमक हराम का कोई धर्म नही होता: राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश

कोपल्ल कर्नाटक। “जनता जितना मंदिर – मस्जिद से प्यार करती है उतना ही माटी के साथ सौतेला व्यवहार करती है, ” उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने हनुमान जयंती पर  कोपल्ल कर्नाटक में व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि इस माटी से सभी धर्मस्थलों का, यहां तक महापुरुषों के शरीर का भी निर्माण हुआ है। परंतु माटी के प्रति लोगों का मोह भंग हो रहा है। माटी के प्रति अपने कर्तव्य से विमुख हो रहा है ये चिंतनीय विषय है।
उन्होंने कहा कि पशु और कुत्ता भी जिस घर का अन्न लेता है उसकी रक्षा के लिए जान न्योछावर देता है तथाकथित इंसान जिस थाली में खाता है उसी में छेद कर देता है, नमक हराम व्यक्ति का कोई धर्म नहीं होता।
राष्ट्र संत ने बताया कि जन्मभूमि जन्म देने वाली मां, गुरु ,मोक्ष और भगवान से भी बढ़कर है ,मजहब से बढ़कर माटी है, माटी का वफादार सच्चा धर्म का अधिकारी है।
जैन संत ने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए धरती माता के साथ खिलवाड़ करता है, वह कपूत कितनी कठोर साधना कर ले तो भी धार्मिकता में प्रवेश नहीं कर सकता। तपस्वी घनश्याम मुनि जी, सेवाभावी कौशल मुनि जी, कवि अक्षत मुनि जी युवा मनीषी सक्षम मुनि जी सभी गुरु भगवंत की सेवा का लाभ अभय कुमार मेहता, विजय मेहता, अशोक तालेड़ा, महेंद्र चोपड़ा, महेंद्र लुकड़ अशोक पारख सभी गुरु भक्तों ने लिया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments