
समाज के लिए कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश रखने वालों को राधे राधे ग्रूप हैदराबाद से बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है बशर्ते वो समाज की सेवा करना चाहते है।
राधे राधे ग्रूप हैदराबाद की स्थापना को महज 8 महीने ही हुए है ईश्वरीय वरदान या इस ग्रूप की समाज सेवा करने की ललक थोड़े से समय में ही ये ग्रूप समाज सेवा के बड़े कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
चार दोस्तों के साथ से बना ये ग्रूप
राधे राधे ग्रूप हैदराबाद की स्थापना को लगभग 8 महीने गुजर गये, इन आठ महीनों जो काम ये ग्रूप कर रहा है वह काबिले तारीफ है। राधे राधे ग्रूप हैदराबाद की स्थापना के रूप में संयोजक जगतनारायण अग्रवाल, सतीश कुमार गुप्ता, रामप्रकाश अग्रवाल व महेश अग्रवाल ने मिलकर बनाया। वैसे तो ये सब साथी हर वर्ष अपने परिवार और इष्ट मित्रो के साथ देश विदेश में घूमने जाते रहते थे। भारतीय संस्कार और संस्कृति को अपने जीवन दर्शन में उतार कर और अपनी आने वाली पीढी को भी जमीन से जुड़ने का अवसर देते थे। परंतु एकाएक ईश्वरीय आदेश हो गया कि आत्म मंथन करने के उपरांत अगस्त-2024 को विचार किया कि अब हमको मिलकर कुछ काम करना चाहिए परंतु उसके लिए नाम चाहिए था तो रखा गया “राधे राधे ग्रूप, हैदराबाद”।
स्थापना के ही बाद पहला कार्यक्रम 8 अगस्त 2024 को श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महोत्सव , अयोध्या जी के श्रीरामचरित्रमानस भवन में आयोजित कि गया। इसमें प्रख्यात भागवत आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने श्रीमद्भागवत का अपनी सुमधुर प्रस्तुति दी। जिसमें हैदराबाद सें करीब 150 लोगों ने भाग लिया। भागवत कथा की पूर्णाहुति के पश्चात ग्रूप के सदस्यों काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।

ना नाम की और ना पहचान की जरूरत बाबा जो करवायेंगे सिर माथे, हम होते कौन है सब मालिक की इच्छा है वो जो करवाता अच्छे के लिए करवाता है।


नि:सहाय लोगों की सेवा करने का सौभाग्य हर किसी के भाग्य में नही होता ये तो पूर्वजों के पुण्यकर्मों से ही संभव हैं।