Wednesday, May 21, 2025
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समाज सेवा को समर्पित राधे राधे ग्रूप हैदराबाद

https://photos.app.goo.gl/iiP2HyU5eoJK5QJeA  राधे राधे ग्रूप हैदराबाद के सौजन्य से अयोध्या धाम में आयोजित  श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ महोत्सव अगस्त 2024 में देखिए

समाज के लिए कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश रखने वालों को राधे राधे ग्रूप हैदराबाद से बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है बशर्ते वो समाज की सेवा करना चाहते है।

राधे राधे ग्रूप हैदराबाद की स्थापना को महज 8 महीने ही हुए है ईश्वरीय वरदान या इस ग्रूप की समाज सेवा करने की ललक थोड़े से समय में ही ये ग्रूप समाज सेवा के बड़े कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

चार दोस्तों के साथ से बना ये ग्रूप 

राधे राधे ग्रूप हैदराबाद की स्थापना को लगभग 8 महीने गुजर गये, इन आठ महीनों जो काम ये ग्रूप कर रहा है वह काबिले तारीफ है। राधे राधे ग्रूप हैदराबाद की स्थापना के रूप में संयोजक जगतनारायण अग्रवाल, सतीश कुमार गुप्ता, रामप्रकाश अग्रवाल व महेश अग्रवाल ने मिलकर बनाया। वैसे तो ये सब साथी हर वर्ष अपने परिवार और इष्ट मित्रो के साथ देश विदेश में घूमने जाते रहते थे। भारतीय संस्कार और संस्कृति को अपने जीवन दर्शन में उतार कर और अपनी आने वाली पीढी को भी जमीन से जुड़ने का अवसर देते थे। परंतु एकाएक ईश्वरीय आदेश हो गया कि आत्म मंथन करने के उपरांत अगस्त-2024 को विचार किया  कि अब हमको मिलकर कुछ काम करना चाहिए परंतु उसके लिए नाम चाहिए था तो रखा गया “राधे राधे ग्रूप, हैदराबाद”।

स्थापना के ही बाद पहला कार्यक्रम 8 अगस्त 2024 को श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महोत्सव , अयोध्या जी के श्रीरामचरित्रमानस भवन में आयोजित कि गया। इसमें प्रख्यात भागवत आचार्य रमाकांत गोस्वामी ने श्रीमद्भागवत का अपनी सुमधुर प्रस्तुति दी। जिसमें हैदराबाद सें करीब 150 लोगों ने भाग लिया। भागवत कथा की पूर्णाहुति के पश्चात ग्रूप के सदस्यों काशी विश्वनाथ के दर्शन किए।

 

 

सतीश गुप्ता
सतीश कुमार गुप्ता । बाबा जयरामदास जी महाराज के अनन्य भक्त सतीश कुमार गुप्ता ने कहा कि बाबा की कृपा हुई और ये ग्रूप बन गया,
ना नाम की और ना पहचान की जरूरत बाबा जो करवायेंगे सिर माथे, हम होते कौन है  सब मालिक की इच्छा है वो जो करवाता अच्छे के लिए करवाता है।
भाग्य से मिलता है सेवा का मौका ,हम सौभाग्यशाली है कि ईश्वर ने हमें कुछ करने का सुअवसर प्रदान किया।  : जगतनारायण अग्रवाल 

 

 

रामप्रकाश अग्रवाल
सेवा का भाव संस्कार से मिलते है : रामप्रकाश अग्रवाल(संयोजक)
नि:सहाय लोगों की सेवा करने का सौभाग्य हर किसी के भाग्य में नही होता ये तो पूर्वजों के पुण्यकर्मों से ही संभव हैं।

 

 

 

 

 

 

दीन हीन किसी की मदद करते है वो चाहिए किसी भी रुप ये हमारे संस्कारों मे हैं, परमपिता के आशीर्वाद से हम सब लोग मिलकर यह कार्य कर रहे है सभी का निस्वार्थ भाव से सेवा करना अच्छा लगता है : महेश अग्रवाल

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