गदग कर्नाटक।
“धर्म के नाम पर पंथ की बेड़ियों में कैदकर मानवता के टुकड़े-टुकड़े करने वाला शैतान और राक्षस से कम नहीं है” उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने रामनवमी, महावीर जनकल्याण और हनुमान जयंती पर आयोजित विशाल धर्म सभा को संबोधित करते प्रकट किये। राष्ट्र संत ने आगे कहा कि मानव से मानव को जोड़ता है वही धर्म है, तोड़ना तो अधर्म और पाप है।
उन्होंने कहा कि इंसानियत का विकास हो और मानवीय रिश्तों में मिठास घोले वही धर्म विश्व का सबसे महान धर्म है।
मुनि कमलेश ने कहा कि उन्माद, कट्टरता और नफरत का बीज का जब विचारों में समावेश होता है तो अमृत जैसा धर्म भी जहर में परिवर्तित हो जाता है।
राष्ट्र संत ने कहा कि इतिहास साक्षी है जितना खून-खराबा हथियारों से नहीं हुआ उतना धर्म के नाम पर हुआ है, पूरा विश्व आज भी कैट सांप्रदायिकता की आग में जल रहा है।
जैन संत ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है यह सर्वनाश और बर्बादी है। हिंसा फैलाने वाले भी उसे आग से बच नहीं पाएंगे। सभी धर्म गुरुओं को मिलकर अमन चैन और शांति का माहौल बनाना चाहिए तभी परिवार देश और कौम की तरक्की होगी। अंत में महाराज श्री ने कहा कि मानव ही नहीं संपूर्ण विश्व और सृष्टि की सुरक्षा में ही हमारी सुरक्षा निहित है।

इस मौके पर धर्म के नाम पर बिखराव, अशांति और धर्म के नाम पर लड़ाने वालों के खिलाफ मोर्चा खोलने का संकल्प दिलाया।
मुनि कमलेश के सानिध्य में करीब 35 लाख रुपए गौ माता की सेवा के लिए दानदाताओं ने दिए। सकल जैन समाज ने वर घोड़ा निकाला जिसमें भारी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 9 संकल्पना को पुनः दोहराया और शपथ दिलाई। स्थानकवासी संघ के अध्यक्ष रूपचंद जी परलेचा, मूर्ति पूजक संघ अध्यक्ष पंकज भाई बाफना तेरापंथ संघ के अध्यक्ष सुरेश भाई कोठारी, कच्छी संघ अध्यक्ष विजय राज लुथिया, वैष्णव समाज के अध्यक्ष छगन जी पटेल, महावीर गौशाला के अध्यक्ष अशोक किला मुथा, दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष पदम राज कुलकर्णी सहित महिला युवा शाखा ने जैन एकता का संकल्प लिया। संचालन बाबूलाल परमार ने किया। जीतो महिला शाखा की स्वीटी भंसाली , इंदिरा बाघमार वीरांगना के कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। 13 अप्रैल तक मुनि कमलेश कपाल पधारने की संभावना है।