विधवा को हीन भावना से देखना समाज के लिए घातक: राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश
गदग कर्नाटक। जैन स्थानक सकल जैन महिला मंडल को संबोधित करते हुए राष्ट्रसंत कमल मुनि जी कमलेश ने कहा कि सती प्रथा में नारी को पति के साथ जला दिया जाता था उससे भी अनंत गुना ज्यादा खतरनाक है विधवा प्रथा, उसकी उपेक्षा करके आत्मा को छलनी छलनी कर देता हैं । संत कमल मुनि जी कमलेश ने महावीर जन्म कल्याणक समारोह के अंतर्गत सकल जैन महिला सम्मेलन को संबोधित करते कहा कि किसी भी धर्म ग्रंथ के अंदर विधवा शब्द का उल्लेख नहीं है उसे नारकी जीवन जीने को मजबूर करते यह कहां का न्याय है
उन्होंने कहा कि नारी को दूसरे नंबर का दर्जा देना हीन भावना से देखना दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी का अपमान करने के समान है।
मुनि कमलेश ने बताया कि पति के वियोग के जख्मों के ऊपर यातना का नमक छिड़कना महान पाप नहीं है मंगल काम में वांछित तथा कौन से ग्रंथ में लिखा है।
राष्ट्र संत ने कहा कि संघर्ष करके बच्चों का पालन करती है परिवार को संभालती है शील व्रत का पालन करती है वह किसी वीरांगना से काम नहीं है उससे बड़ा मंगल और कुछ नहीं हो सकता।
जैन संत ने कहा कि अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा ने पूरे देश में विधवा को वीरांगना और मंगल काम में आगे रखना क्रांति का अभियान चालू किया जो सभी धर्म और समाज में लोकप्रिय हो रहा है
9 अप्रैल को जितो के द्वारा 108 देश में एक साथ महामंत्र नवकार का जाप करके विश्व रिकॉर्ड बनाए जा रहा है जीतो महिला शाखा शाखा गदग अध्यक्ष स्वीटी भंसाली ने कहा कि मुनि कमलेश की प्रेरणा से वीरांगना सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।
स्थानकवासी महिला मंडल की अध्यक्ष इंदिरा बहन बाघमार अंजलि बाफना बहु मंडल बबीता तातेड़ मूर्ति पूजक महिला मंडल कंचन ओसवाल सविता जैन दिगंबर जैन महिला मंडल तेरापंथ महिला मंडल ने भी इस कार्य का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया।