क्यों होता मंदिर का शिखर गोल?
जब भी आप हम किसी पर्व, त्योहार या खास मौके पर मंदिर जाते हैं, तो क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि मंदिर की छत पर बना गुम्बद हमेशा गोल ही क्यों होता है? यह केवल एक खूबसूरत डिज़ाइन नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरा आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण छिपा है.
गोल गुम्बद को ब्रह्मांड और स्वर्ग का प्रतीक माना जाता है. इसका आकार ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और सकारात्मक ऊर्जा को चारों ओर फैलाता है. जब मंदिर में मंत्रों का उच्चारण या घंटियों की आवाज़ होती है, तो वह इस गोल गुम्बद के भीतर गूंजती है और पूरे वातावरण को आध्यात्मिक अनुभव से भर देती है.
साथ ही, यह गोलाकार संरचना हवा के बहाव को नियंत्रित करती है, जिससे मंदिर के अंदर का तापमान संतुलित रहता है और भीषण गर्मी से बचाव होता है. इतना ही नहीं, गोल गुम्बद मंदिर को संरचनात्मक रूप से भी मज़बूती प्रदान करता है, जिससे यह भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर पाता है और पीढ़ियों तक सुरक्षित बना रहता है.