

हुबली।
हुबली स्थित जैन स्थानक भवन में सोंमवार को राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश जी के पावन सान्निध्य में वीरागंना सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रसंत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शादी समारोह मंगल कार्य में घोड़े और कुत्ते को लेकर जा सकते हैं परंतु विधवा जन्म देने वाली मां बहन की छाया भी नहीं पड़ने देते हैं। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने वीरांगना सम्मान समारोह को संबोधित करते कहा कि पशु से भीज्यादा निर्दोष माता बहनों की हालात हमने खराब कर दी है, ऐसे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पति के देवलोक होने पर पत्नी के साथ जो दुर्व्यवहार किया जाता है क्या पत्नी के देवलोक होने पर पति के साथ किया जाता है ? मुनि कमलेश ने बताया कि किसी भी धर्म ग्रंथ में विधवा शब्द का उल्लेख नहीं है यह नारी का घोर अपमान और मानवता पर कलंक है।
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वाधान में कर्नाटक के इतिहास में प्रथम बार गुरुओं के सानिध्य में मंच पर वीरांगनाओं का सम्मान किया गया, खुशी के मारे उनके नयन छलक पड़े ।
कर्नाटक रत्न पूर्व अध्यक्ष श्री महेंद्र जी कोठारी ने घोषणा करते कहा कि हमारे धार्मिक सामाजिक मंगल कार्यों में वीरांगनाओं को सबसे आगे रखा जाएगा सभा स्थल जय कारों से गूंज उठा हर बहन को झांसी की रानी बनाकर समाज देश और कॉम की सेवा का संकल्प लेना है मैं विधवा हूं खुद को हीन भावना से मुक्त करना है और स्वाभिमान से जीने का हौसला बुलंद करना है।