Wednesday, May 21, 2025
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Homeप्रज्ञामूर्ति पू.श्री अक्षयज्योति जी म.सा.उम्मीद स्वयं से रखेंः प्रज्ञामूर्ति पूज्य श्री अक्षय ज्योति जी म.सा.

उम्मीद स्वयं से रखेंः प्रज्ञामूर्ति पूज्य श्री अक्षय ज्योति जी म.सा.

उम्मीद स्वयं से रखेंः प्रज्ञामूर्ति पूज्य श्री अक्षय ज्योति जी म.सा.

जीवन में खुश रहने का एक सीधा सा मंत्र है और वो ये कि आपकी उम्मीद स्वयं से होनी चाहिए किसी और से नहीं। परीक्षा फल से वही बच्चा घबराता है जो स्वयं से नहीं अपितु निरीक्षक से उम्मीद लगाए रहता है ।

स्वयं के तीरों पर भरोसा रखने वाला कौन्तेय युद्ध भूमि में अकेला पड़ने के बावजूद भी सफल हो जाता है और दूसरों से उम्मीद रखने वाला दुर्योधन पितामह, द्रोण, कर्ण, कृपाचार्य जैसे अनगिनत योद्धाओं के साथ रहते हुए भी युद्ध भूमि में बुरी तरह असफल हो जाता है।

सूर्य स्वयं के प्रकाश से चमकता है और चन्द्रमा को चमकने के लिए सूर्य के प्रकाश पर निर्भर रहना होता है। दूसरे के प्रकाश से प्रकाशित होने की उम्मीद रखने के कारण ही चन्द्रमा की चमक एक जैसी नहीं रहती ।

इसलिए जीवन में सदा खुश रहना है तो दूसरों से किसी भी प्रकार की उम्मीद छोड़कर स्वयं ही उद्यम अथवा पुरुषार्थ में लगना होगा ताकि संपूर्ण जीवन प्रसन्नता से जिया जा सके।

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