सज्जनता धारण करें : प्रज्ञामूर्ति पूज्य श्री अक्षय ज्योति जी म.सा.
दूसरों द्वारा प्रतिकूल व्यवहार करने पर भी आपके आचरण की मर्यादा बनी रहे, इसी का नाम सज्जनता है। सम्मान और सत्कार पाने पर तो साधारण से साधारण मनुष्य भी प्रसन्न हो सकता है। प्रशंसा प्राप्त होने पर सामने वाले को मुस्करा कर धन्यवाद देना ये काम तो कोई भी कर सकता है पर किसी के अभद्र व्यवहार करने पर भी सहजता को धारण किए रहना, यह सज्जनों का लक्षण है।
सज्जनता एक ऐसा गुण है जो हमें एक अच्छा इंसान बनाता है। यह हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति और सम्मान के साथ व्यवहार करने की प्रेरणा देता है। सज्जनता के कई पहलू हैं।सज्जनता में दया और सहानुभूति का महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमें दूसरों की भावनाओं को समझने और उनकी मदद करने की प्रेरणा देता है।
सज्जनता सम्मान और आदर का महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमें दूसरों के प्रति सम्मान और आदर के साथ व्यवहार करने की प्रेरणा देता है। यह हमें दूसरों के प्रति निष्पक्ष और न्यायपूर्ण व्यवहार करने की प्रेरणा देता है हमें दूसरों के साथ विनम्रता और सहयोग के साथ व्यवहार करने की प्रेरणा देता है।
जो दूसरों से कष्ट प्राप्त होने पर भी विनम्रता पूर्वक सब सहन करते हुए उसके मंगल का भाव रखे, यही सज्जनता है। सज्जन का अर्थ सम्मानित व्यक्ति नहीं अपितु सम्मान की इच्छा से रहित व्यक्तित्व है। जो सदैव शीलता और प्रेम रुपी आभूषणों से सुसज्जित है, वही सज्जन है। जो हर परिस्थिति में प्रसन्न रहे और दूसरों को भी प्रसन्न रखने का भाव रखे वही सज्जन है।