विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ महाराष्ट्र जोन-12 ने मनाया “गणगौर” उत्सव
मुम्बई। महाराष्ट्र विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ जोन-12 (मुम्बई चेप्टर) ने 22 मार्च 2025 शनिवार को डी. जी. खैतान इंटरनेशनल स्कूल, मलाड, मुम्बई में शानदार गणगौर उत्सव का आयोजन किया गया। पारम्परिक त्योंहार के इस कार्यक्रम में लगभग 200 लोगो की उपस्थिति दर्ज हुई। इस अत्यंत मनोरंजक कार्यक्रम का आकर्षण रही सभी सहभागियों ने आकर्षक न्रत्य प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथी एवं महिला प्रकोष्ठ प्रदेशाध्यक्ष मंगला पुरोहित की गरिमामय उपस्थिती के साथ मुम्बई महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ खुशबू श्रीमाली की अगुआई में आयोजित इस कार्यक्रम का मोहक संयोजन हुआ।
इस आयोजन की सफलता का श्रेय महामंत्री अनामिका शर्मा एवं अनुषा कौशिक, कोषाध्यक्ष कल्पना शर्मा, सह-कोषाध्यक्ष मनीषा मिश्रा एवम उपाध्यक्ष उर्मिला पारीक को जाता है, जिन्होंने इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और इसे शानदार तरीके से क्रियान्वित किया। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता से यह आयोजन स्मरणीय बन गया।
इस अवसर पर राजस्थान के विभिन्न शहरों जैसे जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, नाथद्वारा और बीकानेर में प्रचलित गणगौर उत्सव की विभिन्न रस्मों और परंपराओं को प्रस्तुत किया गया। प्रतिभागियों ने इन शहरों की गणगौर पूजा पद्धति, लोकगीत, पारंपरिक परिधान और रीति-रिवाजों को मंच पर सजीव रूप में प्रस्तुत किया, जिससे दर्शकों को गणगौर पर्व की गहराई और विविधता को समझने का अवसर मिला।
कार्यक्रम में करीब 50 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें युवा पीढ़ी से लेकर वरिष्ठजन भी शामिल थे। सभी ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से राजस्थान की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की, जो न केवल ज्ञानवर्धक रही बल्कि मनोरंजक भी थी। संध्या शर्मा, संध्या दवे, अनीता शर्मा, स्वाति शर्मा एवं सुधा शर्मा का विशेष योगदान रहा।
मीरा-भायंदर महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष योगिता शर्मा और समस्त कार्यकारिणी ने अपनी उपस्थिति से अवसर की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों एवं दर्शकों ने इस पहल की सराहना की और इसे आगे भी इसी भव्यता से आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की।
खचाखच भरे हॉल में चल रही रंगारंग नृत्य, बेस्ट ईसर गणगौर, बेस्ट गणगौर सहेलियाँ, बेस्ट सोलह श्रंगार आदि प्रतियोगिताओं में रंग बिरंगे पारम्परिक परिधानों में सजी संवरी महिलाओं का जोश देखते ही बनता था।