Wednesday, May 21, 2025
Google search engine
Homeप्रज्ञामूर्ति पू.श्री अक्षयज्योति जी म.सा.इंसानियत को अपनायें : प्रज्ञामूर्ति पू.श्री अक्षय ज्योति म.सा.

इंसानियत को अपनायें : प्रज्ञामूर्ति पू.श्री अक्षय ज्योति म.सा.

इंसानियत को अपनायें : प्रज्ञामूर्ति पू.श्री अक्षय ज्योति म.सा.

 

महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप विशिष्ट बनें अपितु यह है कि आप शिष्ट बनें। यदि आप सदाचार युक्त, नीति युक्त, धर्ममय एवं निष्ठापूर्वक जीवन जीते हैं तो सत्य समझना आप दैवीय जीवन ही जीते हैं। देवता केवल वे नहीं जिन्होंने स्वर्ग में घर बनाया है अपितु वे हैं जिन्होंने घर को ही स्वर्ग बनाया है। सदगुण, सदाचार और सद्चरित्रों का जीवन में प्रवेश ही जीवन में दैवत्व घटित हो जाना है।

हम सबको अपने जीवन में सदैव महान बनने की अपेक्षा एक अच्छे इंसान बनने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। जहाँ एक अच्छे और सच्चे इंसान का निर्माण होता है महान बनने की प्रक्रिया भी वहीं से प्रारम्भ होती है। जीवन में एक अच्छा इंसान बनना ही महान बनना भी है। मनुष्य जन्म मिलना कोई बड़ी बात नहीं अपितु जीवन में मनुष्यता का जन्म होना, यह बहुत बड़ी और दुर्लभ बात है। इंसानियत ही किसी जीवन को श्रेष्ठ बनाती है।

इंसानियत एक ऐसा गुण है जो मानव को मानव बनाता है। यह एक ऐसी भावना है जो हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति और करुणा रखने के लिए प्रेरित करती है। इंसानियत के बिना, हमारा जीवन सूना और अर्थहीन हो जाता है।

इंसानियत के महत्व को समझने के लिए, हमें यह समझना होगा कि यह हमारे जीवन में क्या भूमिका निभाती है। इंसानियत हमें दूसरों के प्रति सहानुभूति रखने के लिए प्रेरित करती है, जिससे हम उनकी मदद कर सकते हैं और उनके साथ सहयोग कर सकते हैं। यह हमें अपने समाज में एकजुटता और शांति बनाए रखने में मदद करती है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments