Wednesday, May 21, 2025
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Homeआज का इतिहासवन बचेंगे तो पृथ्वी बचेगी : राष्ट्रसंत पू.श्री कमलमुनि "कमलेश"

वन बचेंगे तो पृथ्वी बचेगी : राष्ट्रसंत पू.श्री कमलमुनि “कमलेश”

21 मार्च को पूरा विश्व विश्व वानिकी दिवस मनाता है किंतु केवल इससे मनाने मात्र से वन नहीं बचेंगे इसके लिए हम सबको एक सामुहिक प्रयास करना होगा। जब वन ही नहीं रहेंगे तो पृथ्वी का भी अस्तित्व कब तक रहेगा। पर्यावरण सरंक्षण और वृक्षारोपण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। इसमें देश के हर नागरिक का योगदान और भागीदारी होना चाहिए तभी हम स्वच्छ और सुन्दर धरा की कल्पना साकार होते देख सकते है।अपने बगीचे, खेतों, कल कारखानों, सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने के लिए आगे आये और लोगों को प्रेरित भी करें । हम सभी को अपने आवागमन के लिए निजी वाहनों की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना चाहिए । अपने बगीचे और सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाएं। पानी का किफायत से उपयोग करें। पवन उर्जा, सौर उर्जा और जल उर्जा से चलने वाले उपकरणों को तरजीह दें। एयर कंडीशन और इस प्रकार की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें, क्योंकि इससे क्लोरो फ्लोरो कार्बन गैस उत्सर्जित होती है, जो वायुमंडल की ओजोन परत को काफी नुकसान पहुंचाती है। नदियों और अन्य जल स्त्रोतों को प्रदूषित न करें, उनमें कचरा न डालें। पॉलीथीन का इस्तेमाल बंद करें। इसकी जगह ईको-फ्रेंडली उत्पाद (कागज के थैले आदि) प्रयोग में लाएं। देश में वन संरक्षण कानून कड़ाई से पालन होना चाहिए । विकास या अन्य प्रयोजनों के लिए काटे गए वन क्षेत्रफल के एक तिहाई हिस्से की भरपाई वृक्षारोपण के माध्यम से होना चाहिए । वन संरक्षण हेतु प्रतिवर्ष उत्साह के साथ वन महोत्सव का आयोजन, वर्षा ऋतु में सामुदायिक वानिकी द्वारा नए छोटे पौधे रोपने, वनों को लगाकर वन क्षेत्रफल में वृद्धि करना और लोगों को वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार कार्यक्रम व जागरूकता फैलाना ऐसे आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैं।

इस अंतरराष्ट्रीय वन दिवस 2025 को “वन और भोजन” थीम के तहत तैयार किया गया है , जिसमें भोजन, पोषण और आजीविका में वनों की मौलिक भूमिका को मान्यता दी गई है , क्योंकि वे न केवल भोजन, ईंधन, आय और रोजगार प्रदान करते हैं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाते हैं, विभिन्न प्रकार की पशु प्रजातियों का घर हैं जो जैव विविधता का समर्थन करते हैं और महत्वपूर्ण परागणकर्ता हैं । यह वनों की कटाई , आवास क्षरण और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए हमारे वनों के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग करने के लिए कार्रवाई का आह्वान है ।

इस वर्ष के अभियान के मुख्य संदेश इस प्रकार हैं: वन लाखों लोगों को भोजन, औषधि और आजीविका प्रदान करते हैं; 2 अरब से अधिक लोग खाना पकाने के लिए लकड़ी और अन्य ईंधनों पर निर्भर हैं; वन कृषि के लिए आवश्यक हैं; वे आजीविका और पोषण को बढ़ावा देकर ग्रामीण आय में सहायता करते हैं ; वे जल के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो पारिस्थितिकी तंत्र और हमारी खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए आवश्यक स्रोत है; वन संकट के समय खाद्य सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करते हैं; वनों से प्राप्त जंगली मांस प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है।

 

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