Wednesday, May 21, 2025
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बेटे की चाह थी, लेकिन बेटी पैदा हुई, मां ने 17 दिन की नवजात को पानी की टंकी में डुबाकर मार डाला

राजस्थान के झुंझुनूं में एक दिल दहलाने वाली वारदात सामने आई है, यहां एक कलियुगी मां को बेटा चाहिए था, लेकिन डिलीवरी के बाद जब दूसरी बार बेटी पैदा हुई तो मां इसे बर्दाश्त नहीं कर सकी. आखिरकार 17वें दिन घर में बने पानी के टैंक में नवजात बच्ची की डूबाकर हत्या कर दी. इसके बाद बच्ची के लापता होने का ढोंग किया. घटना झुंझुनूं के वार्ड 53 नयाबास में रविवार की सुबह हुई. परिजनों को हालात संदिग्ध लगे तो उन्होंने मां से कड़ाई से पूछताछ की, जिसके बाद मां ने बताया कि उसे बेटे की चाह थी.

घर में पैदा हुई थी दूसरी बेटी

डीएसपी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पति पंकज सैनी की रिपोर्ट पर पत्नी निशा उर्फ आचकी देवी के खिलाफ बेटी की हत्या करने का मामला दर्ज किया है. आरोपी मां को गिरफ्तार कर लिया गया है. आपको बता दें कि झुंझुनूं शहर के वार्ड नंबर 53 नयाबास में प्रताप सैनी का परिवार रहता है. प्रताप सैनी के छोटे बेटे पंकज सैनी की पत्नी आचकी सैनी ने 28 फरवरी को अपनी दूसरी बेटी को जन्म दिया था. जिसके बाद वह अस्पताल में भर्ती रही.

घर के लोग खेत की कटाई करने गए थे 

तीन मार्च को ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिली तो उसकी दूसरी बेटी सोनिया का घर पहुंचने पर पारंपारिक रीतियों के मुताबिक परिवार की महिलाओं ने स्वागत भी किया. सब कुछ ठीक चल रहा था. लेकिन रविवार सुबह जब परिवार के सभी सदस्य खेत में फसल कटाई के लिए घर से निकले. उसके करीब एक घंटे बाद आचकी ने रोते-बिलखते हुए फोन किया कि उसकी 17 दिन की बेटी सोनिया गायब हो गई।

पानी की टंकी में तैरता मिला नवजात का शव 

परिवार के लोग फसल कटाई छोड़कर घर पहुंचे. पूरे मोहल्ले के लोगों ने करीब एक घंटे तक घर में और घर के बाहर मासूम को तलाश किया. लेकिन कहीं पर भी कोई जानकारी नहीं मिली तो पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने आकर भी इधर-उधर तलाश किया. बाद में घर में बनी पानी की होद का ढक्कन खोलकर देखा तो उसमें 17 दिन की मासूम सोनिया का शव तैरता हुआ मिला।जिसे निकाला गया और बीडीके अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को दिया गया।

मां से पूछताछ की तो स्वीकारी हत्या की बात 

पुलिस जांच में सामने आया कि घटना के समय घर का मुख्य दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे निशा के ससुर रामप्रताप खेत जाते समय कुंदा लगाकर गए थे. 17 दिन की मासूम चारपाई से गिरकर अपने आप टैंक तक नहीं जा सकती थी. टैंक का ढक्कन भी बंद था, जिससे कोई बाहरी व्यक्ति अंदर घुसकर बच्ची को पानी में नहीं डाल सकता था. घर की चारदीवारी ऊंची थी, जिससे किसी बाहरी व्यक्ति का अंदर आना मुश्किल था. पहले निशा झूठ बोलती रही, लेकिन जब उससे कड़ाई से सवाल किए तो वह टूट गई और उसने कबूल कर लिया कि उसने खुद अपनी बेटी को टैंक में डुबोकर मारा है।

 

 

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